वाटिकन सिटीः आप्रवासी एवं शरणार्थी विश्व दिवस के लिये सन्त पापा फ्राँसिस का सन्देश
प्रकाशित
वाटिकन सिटी, 24 सितम्बर सन् 2013 (सेदोक): वाटिकन प्रेस ने मंगलवार को "आप्रवासी एवं
शरणार्थी विश्व दिवस सन् 2014" के लिये, सन्त पापा फ्राँसिस के सन्देश की प्रकाशना कर
दी। सन् 2014 में यह दिवस 19 जनवरी को मनाया जायेगा। इस दिवस के उपलक्ष्य में लिखे
सन्त पापा फ्राँसिस के सन्देश का शीर्षक हैः "बेहतर विश्व की ओर अग्रसर आप्रवासी एवं
शरणार्थी"। सन्देश में सन्त पापा ने इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित कराया है कि नित्य
बदलते विश्व में मानव प्राणियों का आवागमन सामान्य बात हो गई है तथा मनुष्यों के बीच
अन्तर-निर्भरता एवं अन्तर-क्रिया विश्वव्यापी स्तर पर बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा
कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आप्रवास तथा शरण की याचना करनेवालों के साथ
साथ कई समस्याएँ एवं नकारात्मक तत्व भी आते हैं तथापि, इस बात को नहीं भुलाया जाना चाहिये
कि अपने परिवारों के बेहतर जीवन के लिये ही लोग अपने घर और अपने देश का परित्याग करते
हैं। सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखकर कि सभी लोगों को बेहतर
जीवन की तलाश का अधिकार है तथा प्रत्येक मानव प्राणी सम्पूर्ण मानव परिवार एवं मानव जाति
का ही अंग है, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय तथा मेज़बान देशों को, आप्रवासियों एवं शरणार्थियों
के प्रति एकात्मता दर्शानी चाहिये। उन्होंने कहा कि अन्य वास्तविकताओं के समान आप्रवास
की वास्तविकता भी सृष्टि के सौन्दर्य एवं पाप के रहस्य के बीच तनाव को दर्शाती है। एक
ओर एकात्मता, स्वागत, समझदारी एवं भाईचारे के संकेत मिलते हैं तो दूसरी ओर, बहिष्कार,
भेदभाव, मानव तस्करी, शोषण, उत्पीड़न एवं मृत्यु दिखाई देती है। सन्त पापा ने कहा कि
इस बात को कभी भुलाया नहीं जाना चाहिये कि सृष्टि एवं उसके संसाधन का लक्ष्य प्रत्येक
मनुष्य एवं समस्त मानव व्यक्तियों का यथार्थ एवं अखण्ड विकास है।