2013-09-18 12:42:51

वाटिकन सिटीः "कलीसिया, प्रभु की अनवरत खोज करनेवाली विधवा है, सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, 18 सितम्बर सन् 2013 (सेदोक): "कलीसिया इतिहास में अग्रसर होती वह विधवा है जो अपने प्रभु की अनवरत खोज में लगी रहती है।" वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय में मंगलवार को ख्रीस्तयाग के अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस ने यह बात कही।
नाईम की विधवा के साथ येसु के साक्षात्कार सम्बन्धी सुसमाचार पाठ पर चिन्तन करते हुए सन्त पापा ने कहा, "कलीसिया एक विधवा के सदृश है जो इतिहास में अग्रसर होती हुई अपने दिव्य पति की खोज में लगी रहती है।"
उन्होंने कहा, "माता कलीसिया साहसी माता है, एक वफ़ादार माँ की तरह वह अपने बच्चों के लिये रोती है, उनका पालन पोषण करती, उनके लिये प्रार्थना करती है तथा इतिहास के अन्तराल में उनका मार्गदर्शन कर प्रभु के विवाह समारोह तक अग्रसर करती है।
सन्त पापा ने कहा कि पवित्र धर्मग्रन्थ बाईबिल में उल्लिखित नाईम की विधवा कलीसिया की ही प्रतिमा है जो अपने प्रभु को ढूँढ़ने तथा उनके साक्षात्कार की आशा करती है। उन्होंने कहा कि प्रभु अदृश्य हैं तथा कलीसिया अकेली रह गई है इसलिये एक प्रकार से वह विधवा है।
सन्त पापा ने कहा कि नाइम की विधवा के साथ येसु मसीह की मुलाकात दर्शाती है कि "प्रभु के पास हमारे साथ दुख उठाने की क्षमता है, प्रभु हमारे कष्ठों के बहुत क़रीब हैं, वे दयावान हैं तथा हमारी पीड़ाओं को अपने ऊपर ले लेते हैं।"
सन्त पापा ने कहा, "प्रभु येसु ख्रीस्त ने विधवाओं के प्रति विशेष प्यार दर्शाया, उनकी उन्हें विशेष चिन्ता रही।" अपने मृत बेटे के लिये विलाप करनेवाली विधवा से येसु कहते हैं, "रोओ मत, मैं तुम्हारे साथ हूँ, मैं अन्तिम विवाह समारोह तक तुम्हारा इन्तज़ार करूँगा।"
उन्होंने कहा कि नाईम की विधवा के बेटे के सदृश ही प्रभु हमसे कहते हैं, “उठो!” जब हम पाप करते और क्षमा की याचना करते हैं तब प्रभु हमें क्षमादान देते तथा हमें अपनी माँ अर्थात् कलीसिया के पास लौटा देते हैं। उन्होंने कहा, "पुनर्मिलन केवल पश्चातापी तथा पुरोहित के बीच का मामला नहीं है बल्कि कलीसिया में वापस लौटकर ही पुनर्मिलन की प्रक्रिया पूरी होती है क्योंकि माता कलीसिया से बाहर किसी प्रकार का पुनर्मिलन सम्भव नहीं।"








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