2013-09-16 12:34:03

वाटिकन सिटीः शासन करनेवालों के लिये विनम्रता एवं प्रेम अपरिहार्य, सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, 16 सितम्बर सन् 2013 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि शासन करनेवालों में विनम्रता एवं प्रेम के गुणों का होना अपरिहार्य है।
वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय में, सोमवार को, ख्रीस्तयाग के अवसर पर प्रवचन करते हुए सन्त पापा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि जो लोग शासन करते हैं उनमें विनम्रता एवं प्रेम होना अपरिहार्य है जबकि नागरिक, विशेष रूप से यदि वे काथलिक धर्मानुयायी हैं तो वे, राजनीति की अवहेलना नहीं कर सकते।
अपने सेवक की चंगाई का आग्रह करनेवाले शतपति के सुसमाचार पाठ तथा तिमोथी को लिखे सन्त पौल के पत्र में निहित शासकों के लिये प्रार्थना के आह्वान पर सन्त पापा ने अपना चिन्तन केन्द्रित रखा।
सन्त पापा ने कहा, "शासक को अपने लोगों से प्यार करना चाहिये क्योंकि प्रेम की अनुपस्थिति में शासक, अधिक से अधिक अपने लोगों को अनुशासन के अधीन कर सकता है तथा कानून एवं व्यवस्था को लागू कर सकता है किन्तु शासन नहीं कर सकता।"
सन्त पापा ने कहा, "प्रत्येक पुरुष एवं प्रत्येक महिला शासक को अपने आप से दो प्रश्न करने चाहियेः क्या मैं अपने लोगों से प्यार करता हूँ ताकि उनकी बेहतर सेवा कर सकूँ? क्या मैं विनम्र हूँ तथा क्या मैं अन्यों की सुनता हूँ, भिन्न मतों को सुनता हूँ ताकि सबसे अच्छे मार्ग का चयन कर सकूँ?" उन्होंने कहा कि यदि शासक ये प्रश्न नहीं करता तो वह कभी भी एक सफल शासक नहीं बन सकेगा।
दूसरी ओर सन्त पापा ने नागरिकों को भी उनके दायित्वों का स्मरण दिलाया और कहा कि वे सरकार एवं देश की राजनीति की उपेक्षा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि राजनीति का यथार्थ लक्ष्य है जनकल्याण और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये, सत्य एवं न्याय के पक्ष में अपनी आवाज़ बुलन्द करना नागरिकों का दायित्व है।










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