2013-09-12 15:50:37

सीरियाई शरणार्थियों को काथलिक राहत सेवा ने दी शरण


वाशिंगटन, बृहस्पतिवार, 12 सितम्बर 2013 (सीएनए): संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित शरणार्थी शिविरों में स्थान नहीं पाने के कारण, संभावित आक्रमण के भय से भागने वाले सीरिया के शरणार्थी लेबनान के समीप काथलिक राहत सेवा द्वारा अपनी मौलिक आवश्यकताओं तथा सहायताओं को प्राप्त कर रहे हैं।
अमरीका के कार्यकारी उपाध्यक्ष काथलिक राहत सेवा के कार्यकर्त्ता जॉन रोसेनहौवर ने कहा," जब वे आये तब उनके पास कुछ नहीं था। आप अनुभव कर सकते हैं कि बच्चों को इस प्रकार देख माता-पिता क्या अनुभव करते होंगे।"
उन्होंने शरणार्थी शिविरों की गम्भीर कठिनाईयों पर चिंता व्यक्त करते हुए 9 सितम्बर को पत्रकारों से कहा, "सचमुच जब आप महिलाओं और बच्चों को एक शिविर में देखेंगे तो यह आप को छू लेगा।"
विदित हो कि संयुक्त राष्ट्र के अनुसार सीरिया में 2 वर्षों से जारी गृहयुद्ध की हिंसा से परेशान होकर 2 लाख से अधिक लोगों ने देश छोड़ दिया है एवं अनुमानतः 4 लाख से अधिक लोग अंतरिक रुप से विस्थापित हो चुके हैं।
इन दिनों संभावित पश्चिमी सैन्य करवाई की चर्चा ने सीरियाई लोगों को अत्यधिक भयभीत कर दिया है जिसके कारण अधिक लोग देश छोड़ रहे हैं। कई लोग जो संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी शिविर में प्रवेश नहीं पा सकते, वे करीतास लेबानान से जुड़े काथलिक राहत सेवा जैसी ग़ैरसरकारी संस्थाओं की शरण ले रहे हैं।
रोसेनहौवर ने उन शिविरों का दौरा किया जहाँ अंतरराष्ट्रीय काथलिक एजेंसी जरुरतमंद लोगों के लिए मौलिक आवश्यकताओं को उपलब्ध करा रही है। उन शिविरों में 70 प्रतिशत महिलाएँ एवं बच्चे हैं।
ग़ैरसरकारी शरणार्थी शिविर सरकारी सहायता प्राप्त नहीं करते किन्तु इन शिविरों का संचालन संभव है क्योंकि उदार लोगों ने उन्हें बेक्का घाटी में जमीन उपलब्ध करायी है तथा वे चंदा जमा करते हैं। उन्होंने कहा, "हम उन्हें खाना बनाने के बर्तन, सामान्य खाद्य सामग्री, सफाई के समान, बाल्टी आदि उपलब्ध कराते हैं। इन सुविधाओं के अलावा शरणार्थियों को मेडिकल तथा परामर्श सेवा की भी आवश्यकता है।"
रोसेनहौवर ने शरणार्थियों तथा जो अभी भी सीरिया में हैं उनके लिए प्रार्थना की माँग की हैं। उनका कहना है कि लोगों को शरणार्थियों की कठिन परिस्थितियों एवं उन पर हो रहे अत्याचारों की जानकारी होना आवश्यक है।








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