2013-08-29 11:36:03

प्रेरक मोतीः सन्त सबीना


वाटिकन सिटी, 29 अगस्त सन् 2013:

काथलिक कलीसिया शहीद सन्त सबीना का पर्व 29 अगस्त को मनाती है। केवल किंवदन्तियों में ही सबीना के जीवन पर प्रकाश डाला गया है इसलिये उनकी जन्मतिथि आदि के विषय में, निश्चित्त रूप से, कुछ कहना कठिन ही है। सबीना को रोम की अधोक्षिका एवं शहीद कहा जाता है। वे हेरोद मेत्तालारियुस की सुपुत्री एवं रोमी शतपति वालेन्तीनुस की विधवा थीं।

कहा जाता है कि सबीना ने अपनी सिरियाई दासी सेराफिया से प्रभावित होकर ख्रीस्तीय धर्म का आलिंगन कर लिया था। सम्राट हेडरियन के दमनकाल में सेराफिया को उनके ख्रीस्तीय विश्वास के ख़ातिर मार डाला गया था। सेराफिया की मृत्यु के बाद सबीना ने अपनी दासी के अवशेषों को जमा किया तथा उन्हें अपने परिवार के समाधिस्थल में दफ़ना दिया था। दासी के प्रति उदारता और सम्मान प्रदर्शन के लिये सबीना को अपराधी करार दिया गया तथा तत्कालीन प्रशासक एलपीदियो द्वारा उत्पीड़ित किया गया। उनसे कहा गया कि उनके अपराधों को तब ही क्षमा किया जा सकता था जब वे ख्रीस्तीय धर्म का परित्याग कर दें। बताया जाता है कि सबीना ने ख्रीस्त में अपने विश्वास का परित्याग नहीं किया और सेराफिया के एक माह बाद ही उन्हें भी ख्रीस्तीय विश्वास के कारण मौत के घाट उतार दिया गया। इटली के उमब्रिया प्रान्त के विनदेना नगर में, सन् 125 ई. में, सबीना शहीद हो गई थीं।

रोम में, एवेन्टाईन पहाड़ी पर स्थित गिरजाघर शहीद सन्त सबीना को ही समर्पित है। कुछ स्रोतों के अनुसार सबीना ने ही इस गिरजाघर का निर्माण करवाया था। इस गिरजाघर में उनके लगभग 430 पवित्र अवशेष सुरक्षित हैं। शहीद सन्त सबीना का पर्व 29 अगस्त को मनाया जाता है।


चिन्तनः कठिन परीक्षा की घड़ियों में भी हम प्रभु येसु ख्रीस्त में अपना विश्वास नहीं खोयें तथा जीवन के हर पल सुसमाचार के साक्षी बनें।








All the contents on this site are copyrighted ©.