श्रोताओं के पत्र पत्र- 20.8.13 बद्री प्रसाद वर्मा अंजान, स्वर्गीय मीनू रेडियो
श्रोता क्लब, गल्लामंडी, गोला बजार, गोरखपुर। फादर जी, जुलियेट जी एवं सिस्टर जी
जय मसीह। वाटिकन रेडियो और उसका प्रसारण हमारे जीवन का वरदान है। रेडियो प्रसारण हमारे
जीवन में प्रेम रस घोलता है। परमेश्वर येसु मसीह के संगत में रहने की प्रेरणा देता रहता
है। वाटिकन रेडियो सुनना और सच्चाई के मार्ग पर चलना हमारा लक्ष्य बन गया है। संत पापा
फ्राँसिस के संदेश आत्मा को शांति प्रदान करती है। इस बीच हमें वाटिकन भारती का मार्च-
अप्रैल अंक एक साथ मिला। अप्रैल अंक बहुत ऐतिहासिक जानकारियों से भरा है तथा संत पापा
के संदेश मन को छू जाते हैं। आशा है वाटिकन भारती पत्रिका हमें इसी तरह नई -नई जानकारियाँ
समाचार उपलब्ध कराता रहेगा। पत्र - 5.8.13 डॉ. हेमंत कुमार, गोराडीह भागलपुर बिहार
से प्रियदर्शिनी रेडियो लिस्नर्स क्लब। बिहार में 8 अगस्त को, ‘बिहार पृथ्वी दिवस’
राज्य के सभी स्कूलों में मनाया जायेगा। ईद की छुद्दी की वजह से इस साल 9 अगस्त की जगह
8 अगस्त को पृथ्वी दिवस मनाया जाना है। पहली बार निजी स्कूल को भी इसमें शामिल किया गया
है। इस दिन स्कूल के बच्चे एवं शिक्षकवृंद पृथ्वी को बचाने की शपथ लेंगे।
पत्र
- 20.8.13 फादर एल. एक्वीना सी. आर, उड़ीसा के कुत्रा स्थित चुनीपोरा के मरियांजलि
आश्राम। प्रिय संचालक महोदय, बहुत दिन के बाद लिख रहा हूँ। अप्रील महीने के बाद से
हिन्दी में वाटिकन रेडियो से कुछ नहीं सुन सका। इसका मुख्य कारण था कि छोटे रेडियो में
एक ही मीटर बैंड पर वाटिकन रेडियो, रेडियो मेहरान और बी बी सी की आवाज एक साथ आती है
और इस कारण कुछ नहीं सुनाई पड़ता। 31 और 41 मीटर बैंड से कुछ आवाज नहीं आती है। केवल
19 मीटर बैंड पर आवाज सुनाई देती है किन्तु वह भी साफ नहीं। यदि मीटर बैंड पर कुछ परिवर्तन
हो तो कृपया बताने का कष्ट करें। क्योंकि मैं सुनने को आतुर हूँ एक बार नहीं पर कई बार
तक सुनने में मजा आता है। पत्र. 1.8.13 विद्यानंद रामदयाल, पियेर मोरिशस।
आदरणीय पिताजी, आप सभी को प्रभु येसु के नाम में हार्दिक नमस्कार। आज आपके कार्यक्रम
में हमारे संत पापा फ्रांसिस ने युवाओं से आग्रह किया कि वे विश्वास की लौ को प्रज्वलित
रखें। मुझे यह जानकर दुःख हुआ की सीरिया में फादर फ़ोउत्लो का अपहरण हुआ है। पत्र
- 19.7.13 डॉ. हेमंत कुमार, बिहार स्थित भागलपुर से प्रियदर्शिनी रेडियो लिस्नर्स
क्लब। दो चिड़ियों की प्रेम कहानी: एक दिन पति चिड़िया बोला- मुझे छोड़ कभी तुम
उड़ तो नहीं जाओगी? पत्नि चिड़िया बोली- उड़ जाऊँ तो पकड़ लेना। पति चिड़िया बोला-
मैं तुम्हें पकड़ सकता हूँ मगर फिर पा नहीं सकता। पत्नि चिड़िया की आँखों में आँसू आ
गये, उसने अपनी पंखे तोड़ दी और बोली अब हम हमेशा साथ रहेंगे। एक दिन बहुत जोर से
तुफान आया, पति चिड़िया उड़ने लगा तभी पत्नी चिड़िया बोली- तुम उड़ जाओ, मैं नहीं उड़
सकती। तब पति चिड़िया अपना ख्याल रखना कह कर उड़ गया। जब तुफान थमा तब पति चिड़िया वापस
आया तो उसने देखा कि पत्नि चिड़िया मर चुकी थी और एक पत्ती पर लिखा था, काश, वो एक बार
तो कहता कि मैं तुम्हें नहीं छोड़ सकता तो शायद मैं तुफान आने से पहले नहीं मरती।