वाटिकन सिटीः मानव तस्करी पर वाटिकन में अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन
वाटिकन सिटी, 23 अगस्त सन् 2013 (सेदोक): वाटिकन में आगामी नवम्बर माह में मानव तस्करी
के अभिशाप पर एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। सन् 1994 में शिक्षा,
विज्ञान एवं संस्कृति सम्बन्धी संयुक्त राष्ट्र संघीय संगठन यूनेस्को ने 23 अगस्त के
दिन, मानव तस्करी एवं दास प्रथा के उन्मूलन को समर्पित अन्तरराष्ट्रीय दिवस मनाये जाने
की घोषणा की थी। इसी दिवस की पृष्ठभूमि में, गुरुवार को, वाटिकन की सामाजिक विज्ञान सम्बन्धी
परमंधर्मपीठीय अकादमी ने 2 व 3 नवम्बर के लिये निर्धारित उक्त सम्मेलन की घोषणा की। सामाजिक
विज्ञान सम्बन्धी परमधर्मपीठीय अकादमी के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष मारचेल्लो सानखेज़ सोरोन्दो
ने पत्रकारों को बताया कि सन्त पापा फ्राँसिस के निवेदन पर नवम्बर माह में इस सम्मेलन
का आयोजन किया गया है जिसमें अन्तरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ मानव तस्करी के अभिशाप
को बेहतर तरीके से सम्बोधित करने के सुझाव रखेंगे। उन्होंने कहा, "हम सन्त पापा फ्राँसिस
के प्रति आभारी हैं जिन्होंने हमारे युग के अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण सामाजिक घाव की पहचान
कर इसके उन्मूलन हेतु प्रेरणा प्रदान की है।" वाटिकन स्थित सामाजिक विज्ञान सम्बन्धी
परमधर्मपीठीय अकादमी तथा वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ कैथलिक मैडिकल एसोसियेशन एक साथ मिलकर उक्त
सम्मेलन की तैयारी कर रहे हैं। 22 अगस्त को वाटिकन रेडियो से बातचीत में धर्माध्यक्ष
सोरोन्दो ने कहा, "मानव तस्करी मानव प्रतिष्ठा के विरुद्ध घोर अपराध है तथा मानव के मूलभूत
मानवाधिकारों का उल्लंघन है।" उन्होंने कहा, "मानव तस्करी में चिन्ताजनक वृद्धि वैश्वीकरण
की प्रक्रिया से संलग्न आर्थिक, सामाजिक एवं राजनैतिक ख़तरा है।" उन्होंने कहा, "यह देशों
की सुरक्षा पर ख़तरा तथा अन्तरराष्ट्रीय न्याय से जुड़ा एक गम्भीर प्रश्न है।" संयुक्त
राष्ट्र संघ द्वारा प्रकाशित आँकड़ों के अनुसार विश्वव्यापी स्तर पर लगभग दो करोड़ नब्बे
लाख लोग बलात श्रम में लगाये जाते हैं तथा प्रतिवर्ष यौन शोषण के लिये 20 लाख लोगों को
एक देश से दूसरे देश लाया जाता है। इनमें 60 प्रतिशत किशोरियाँ एवं युवतियाँ होती हैं।