नई दिल्ली, बुधवार, 21 अगस्त 2013 (उकान): भारत के समस्त काथलिक समुदाय ने 18 अगस्त को
न्याय रविवार के अवसर पर देश एवं विश्व में शांति तथा न्याय की आवश्यकता पर चिंतन करते
हुए एक खास धर्मविधि के साथ पावन ख्रीस्तयाग सम्पन्न किया। निर्धारित विषय वस्तु
‘न्याय में पृथ्वी पर शांति’ के आधार पर धर्माध्यक्षों एवं पुरोहितों ने उपयुक्त प्रवचन
द्वारा विश्वासियों को चिंतन करने में मदद किया। नई दिल्ली स्थित पवित्र हृदय महागिरजाघर
के पल्ली पुरोहित फादर मरिया स्वामी ने विश्वासियों से आग्रह किया कि हिंसा तथा युद्ध
में फंसे विश्व में, न्याय एवं शांति को लगातार बढ़ावा देते रहें। उन्होंने कहा, "प्यार,
न्याय और शांति के सर्वोच्च आदर्श येसु में विश्वास ही न्याय के लिए मजबूत समर्पण की
गारंटी है।" शहीद महाधर्माध्यक्ष रोमेरो एवं बिहार में माफिया द्वारा मारे गये येसु
समाजी पुरोहित फादर थॉमस का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि न्याय के बिना शांति असंभव
है क्योंकि न्याय एवं शांति में अटूट संबंध है। मालूम हो कि भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय
सम्मेलन के न्याय, शांति एवं विकास संबंधी कार्यालय के प्रोत्साहन पर हर वर्ष स्वतंत्रता
दिवस के बाद वाले रविवार को न्याय रविवार मनाया जाता है। इस वर्ष संत पापा जॉन 23वें
के प्रेरितिक विश्व पत्र ‘ट्रीब्यूट टू पाचेम इन तेर्रीस’ अर्थात पृथ्वी पर शांति के
50 वें वर्षगाँठ के अवसर पर इस विषय वस्तु को चुना गया था। इसकी शुरुआत सन् 1983
ई. में न्याय की मांग के प्रत्युत्तर में की गयी थी।