2013-08-16 11:54:37

नई दिल्लीः भारतीय कलीसिया मनायेगी "न्याय को समर्पित रविवार"


नई दिल्ली, 16 अगस्त सन् 2013 (ऊका समाचार): भारत के काथलिक धर्माध्यक्षों ने देश के काथलिक धर्मानुयायियों से आग्रह किया है कि वे स्वतंत्रता दिवस के बाद पड़नेवाले रविवार यानि 18 अगस्त को, न्याय एवं शांति स्थापना में अपनी भूमिका को प्रकाशित करते हुए न्याय को समर्पित रविवार "जसटिस सन्डे" मनाये।
भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के न्याय, शांति और विकास कार्यालय ने 18 अगस्त को मनाये जानेवाले "जसटिस सन्डे" के लिये समस्त काथलिक गिरजाघरों में एक परिपत्र प्रकाशित किया है।
इस वर्ष "जसटिस सन्डे" का शीर्षक, "न्याय की भावना में धरती पर शांति", स्वर्गीय सन्त पापा जॉन 23 वें के विश्व पत्र "पाचेम इन तेर्रिस" अर्थात् धरती पर शांति से प्रेरित है जिसकी 50 वीं वर्षगाँठ इस वर्ष 11 अप्रैल को मनाई गई।
उक्त कार्यालय के सचिव फादर चार्ल्स हृदयम् ने एक प्रेस विज्ञप्ति प्रकाशित कर कहाः "भारतीय काथलिक धर्माध्यक्ष चाहते हैं कि भारत के काथलिक धर्मानुयायी जॉन 23 वें के विश्वपत्र में निहित सिद्धान्तों से प्रेरित हों, जिसमें सत्य, न्याय, प्रेम एवं स्वतंत्रता के आधार पर नवीन विश्व निकाय की रचना का परामर्श दिया गया है।
विज्ञप्ति में कहा गया, "विश्वपत्र नवीन आध्यात्मिकता एवं शांति की संस्कृति का सुझाव देता है जिसकी विधि अत्यन्त सरल हैः मानव प्रतिष्ठा को मान्यता और साथ ही समस्त मानवीय सम्बन्धों में प्रत्येक व्यक्ति के अधिकारों का सम्मान।"
सन् 1983 से भारतीय कलीसिया, भारतीय स्वतंत्रता दिवस के बाद पड़नेवाले रविवार को "जसटिस सन्डे" मनाती आई है। इस वर्ष इसकी 30 वीं वर्षगाँठ है। भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अनुसार इस दिवस का उद्देश्य काथलिक धर्मानुयायियों एवं संस्थाओं को समाज की वास्तविकताओं के प्रति संवेदनशील बनाना तथा न्याय की मांगों का उपयुक्त प्रत्युत्तर देना है।










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