ईश्वर के प्रति प्रत्येक ‘हाँ’ अनन्त जीवन के लिए स्वर्ग की ओर ले जाती है, संत पापा
कस्तेल गंदोल्फो, बृहस्पतिवार, 15 अगस्त 2013 (सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार
15 अगस्त को, रोम के समीप कास्तेल गंदोल्फो में पवित्र ख्रीस्तयाग के उपरांत, भक्त समुदय
के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया, देवदूत प्रार्थना के पूर्व उपस्थित विश्वासियों
को सम्बोधित कर उन्होंने कहा, "अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात, पवित्र ख्रीस्तयाग
के उपरांत हम देवदूत प्रार्थना के माध्यम से कुँवारी मरियम के पास आयें। माता मरिया की
स्वर्गयात्रा की शुरुआत नाज़रेथ में ईश्वर की इच्छा को प्रकट करने वाले स्वर्गदूत को
‘हाँ’ कहने पर आरम्भ हुई थी। यह सही है कि ईश्वर के प्रति प्रत्येक ‘हाँ’ अनन्त जीवन
के लिए स्वर्ग की ओर ले जाती है। ईश्वर क्यों ऐसा चाहते हैं? क्योंकि ईश्वर चाहते हैं
कि उनके सभी बच्चे प्रचुर मात्रा में जीवन प्राप्त करें तथा एक दिन उनके घर में प्रवेश
कर सकें। संत पापा ने कहा, "मैं धन्य संत पापा जोन पौल द्वितीय के प्रेरितिक विश्व
पत्र ‘मुलएरिस डीगनीटाटेम’ की 25 वीं वर्षगाँठ की याद करता हूँ। जो महिलाओं के सम्मान
एवं बुलाहट पर आधारित है। यह दस्तावेज उत्तम विचारों से पूर्ण है एवं इसकी आधारशिला माता
मरिया का चित्रण है, जो वास्तव में माता मरियम को समर्पित वर्ष में प्रकाशित हुआ था।
इस प्रेरितिक पत्र के अंत में निहित प्रार्थना के साथ अपनी प्रार्थना जोड़ते हुए (न.31)
हम प्रार्थना करें कि माता मरियम पर केंद्रित धर्मग्रंथ के रहस्य पर चिंतन करने से महिलाएँ
अपनी बुलाहट में पूर्णता प्राप्त करें और कलीसिया में महिलाओं की भूमिका को समझ सकें।
मैं कस्तेल गंदेल्फो के निवासियों एवं उपस्थित सभी तीर्थ यात्रियों का अभिवादन करता
हूँ। इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया
तथा अपना प्रेरितिक आर्शीवाद दिया।