चेन्नईः मुख्य मंत्री ने किया दलित ख्रीस्तीयों को समान सुविधाएँ देने का आह्वान
चेन्नई, 13 अगस्त सन् 2013 (ऊका समाचार): तमिल नाड की मुख्यमंत्री जयललिता ने भारत के
प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र लिखकर उनसे आग्रह किया है कि वे हिन्दु दलितों
की तरह ही ख्रीस्तीय दलितों को भी सरकारी सुविधाएँ मुहैया करायें। पत्र में सुश्री
जयललिता ने लिखाः "हिन्दु अनुसूचित जातियों एवं ख्रीस्तीय दलितों के बीच असन्तुलित विकास
से सामाजिक तनाव नित्य बढ़ते गये हैं तथा अल्पसंख्यकों में परायेपन की भावना गहरी होती
चली गई है। मैं इस बात पर बल देना चाहती हूँ कि दलितों के मुद्दे पर अब और देरी नहीं
की जा सकती।" उन्होंने मांग की कि सन् 1950 में पारित अनुसूचित जाति सम्बन्धी संवैधानिक
आदेश के पेरा 03 को रद्द किया जाये ताकि अनुसूचित जाति के ख्रीस्तीयों को भी समान अधिकार
मिल सकें। संवैधानिक आदेश का पेरा 03 ख्रीस्तीय एवं इस्लाम धर्मानुयायियों को सरकारी
सुविधाओं से वंचित करता है। सुश्री जयललिता ने कहा कि संसद के हालिया सत्र में आवश्यक
विधेयक पारित कर सभी धर्मों के दलितों को समान अधिकार प्रदान किये जाने चाहिये। उन्होंने
कहा कि पेरा 03 में दी प्रतिबन्धित परिभाषा के कारण ख्रीस्तीय दलितों को सरकारी सुविधाओं
से वंचित रखना अनवरत जारी अन्याय है जिसे समाप्त किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा
कि उक्त आदेश पत्थर पर अंकित नहीं किया गया था इसलिये इसमें संशोधन कर इसे आधुनिक भारत
की सामाजिक एवं आर्थिक वास्तविकताओं के अनुकूल बनाया जाना चाहिये।