2013-07-30 12:19:25

प्रेरक मोतीः सन्त पीटर क्रिसोलोगुस (380-450 ई.)


वाटिकन सिटी, 30 जुलाई सन् 2013:

काथलिक कलीसिया के आचार्य एवं महाधर्माध्यक्ष, पीटर क्रिसोलोगुस का जन्म इटली के इमोला में हुआ था। इमोला के धर्माध्यक्ष कोरनेलियुस की छत्रछाया में पीटर की शिक्षा-दीक्षा सम्पन्न हुई तथा उन्हें पुरोहित अभिषिक्त किया गया। अपनी असाधारण भाषण वाग्मिता के कारण पीटर क्रिसोलोगुस विख्यात हो गये थे तथा आध्यात्मिक साधनाओं आदि में प्रवचन के लिये खोजे जाते थे।

सन् 433 ई. में सन्त पापा सिक्सतुस तृतीय द्वारा वे रावेन्ना के धर्माध्यक्ष नियुक्त किये गये थे। उन्होंने लोगों के बीच शारीरिक और आध्यात्मिक दया के कार्य किये तथा कठोर परिश्रम एवं सूझबूझ के साथ अपने धर्मप्रान्तवासियों की प्रेरितिक देखभाल की। लोगों में व्याप्त अन्धविश्वास, बुतपरस्ती तथा अन्य कुरीतियों को उन्होंने समाप्त किया तथा अश्लील नृत्य आदि के खिलाफ लोगों को सचेत किया। वे कहा करते थे, "जो व्यक्ति शैतान के साथ खिलवाड़ करना चाहता है, वह मसीह के साथ कभी आनन्द नहीं मना पायेगा।" बताया जाता है कि धर्माध्यक्ष पीटर के पहले प्रवचन को सुनने के बाद महारानी गाल्ला प्लाचिदा इतनी प्रभावित हुई थीं कि उन्होंने उन्हें पीटर क्रिसोलोगुस नाम दे दिया था। तदोपरान्त, धर्माध्यक्ष पीटर क्रिसोलोगुस की अनेक योजनाओं को महारानी प्लाचिदा का समर्थन एवं संरक्षण मिला।

धर्माध्यक्ष पीटर क्रिसोलोगुस विधर्मी यूटीखस के भी परामर्शदाता बने, जिसने उनका समर्थन मांगा था, और इस प्रकार, उन्होंने, कलीसिया में सन्त पेत्रुस की पीठ के खिलाफ विभाजन को रोका। प्रेरितों का धर्मसार, सन्त जॉन बपतिस्ता, पवित्र कुँवारी मरियम तथा देहधारण के रहस्य जैसे गूढ़ सुसमाचारी विषयों को पीटर क्रिसोलोगुस ने सरल, सुगम एवं स्पष्ट भाषा में प्रस्तुत किया। प्रतिदिन पवित्र यूखारिस्त ग्रहण करने का उन्होंने अपने धर्मप्रान्तवासियों से आग्रह किया तथा अपने सुननेवालों से प्रभु ख्रीस्त द्वारा अर्पित क्षमा में विश्वास का अनुरोध किया।

महाधर्माध्यक्ष पीटर क्रिसोलोगुस का निधन, इटली के इमोला में, सन् 450 ई. में हो गया था। सुसमाचार पर उनकी सरल, व्यावहारिक और स्पष्ट व्याख्या को कलीसिया की अनमोल विरासत में जोड़ते हुए सन् 1729 ई. में, सन्त पापा बेनेडिक्ट 13 वें ने, उन्हें कलीसिया के आचार्य घोषित कर सम्मानित किया था। सन्त पीटर क्रिसोलोगुस का पर्व, 30 जुलाई को, मनाया जाता है।

चिन्तनः सन्त पीटर क्रिसोलोगुस से प्रेरणा पाकर हम समाज से मिथ्या धारणाओं, अन्धविश्वास एवं अन्य कुप्रथाओं के उन्मूलन का साहस प्राप्त करें तथा ख्रीस्त में अपने विश्वास को सुदृढ़ करें।








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