2013-07-29 12:23:50

रियो दे जानेरोः ख्रीस्तयाग समारोह में उपस्थित तीस लाख युवाओं से सन्त पापा ने विश्व को बेहतर बनाने का किया आग्रह


रियो दे जानेरो, 29 जुलाई, सन् 2013 (सेदोक): रियो दे जानेरो के कोपा कबाना समुद्री तट पर, रविवार, 28 जुलाई को विश्व के विभिन्न राष्ट्रों से एकत्र लगभग तीस लाख युवाओं के समक्ष सन्त पापा फ्राँसिस ने सहिष्णुता एवं प्रेम पर आधारित नये विश्व के निर्माण हेतु युवाओं को चुनौती दी।
28 वें विश्व युवा दिवस के लिये विश्व के 170 देशों के युवा प्रतिनिधि 22 से 29 जुलाई तक ब्राज़ील के रियो दे जानेरो में एकत्र हुए थे। युवाओं के लिये आयोजित समारोहों के नेतृत्व हेतु काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस ने भी ब्राज़ील की सात दिवसीय यात्रा सम्पन्न की।
सोमवार को सन्त पापा फ्राँसिस रोम समयानुसार प्रातः साढ़े ग्यारह बजे अपनी पहली अन्तरराष्ट्रीय यात्रा समाप्त कर पुनः रोम लौट आये हैं।
आरजेन्टीना के मूलनिवासी सन्त पापा फ्राँसिस की अपने महाद्वीप की पहली यात्रा कई मायनों में एक ऐतिहासिक यात्रा सिद्ध हुई। इस यात्रा के दौरान कई बार सुरक्षा नयाचार भंग हुआ तथा सन्त पापा, अंगरक्षकों से घिरे अपने सुरक्षित वाहन से बाहर निकल कर, लोगों के निकट गये। झुग्गी झोपड़ियों में रहनेवाले निर्धनों, अपराध जगत के चँगुल से छूटे बच्चों तथा सुधार गृहों में जीवन यापन करनेवाले बच्चों से उन्होंने मुलाकात की।
वाटिकन के प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी ने सन्त पापा फ्राँसिस की ब्राज़ील यात्रा को सम्पूर्ण विश्वव्यापी कलीसिया के लिये महत्वपूर्ण बताकर कहा है कि इससे काथलिक धर्मानुयायियों को संकटों के बावजूद अपने विश्वास को सुदृढ़ करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि सन्त पापा ने पूर्वनियोजित कार्यक्रम की सीमारेखा को लाँघकर आपारेसिदा के मरियम तीर्थ की भेंट की, रियो में झुग्गी झोपड़ियों में निवास करनेवालों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि ये दोनों ही भेंट अत्यधिक मर्मस्पशी थीं जिन्होंने निर्धनों के प्रति काथलिक कलीसिया की उत्कंठा को प्रकाशित किया।
नाईटक्लब्स, पब्स, बारों एवं सुखवादी भावों से परिपूरित रहनेवाला कोपाकबाना समुद्री तट, रविवार, 28 जुलाई को, तीस लाख काथलिकों के लिये प्रार्थना का पवित्र स्थल बन गया जहाँ 28 वें विश्व युवा दिवस का विधिवत समापन करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तयाग अर्पित किया।
सन्त पापा के दर्शन करने तथा उनका उपदेश सुनने रियो के महाधर्माध्यक्षीय निवास से कोपाकबाना समुद्री तट तक कतारों में लगे, ब्राज़ील, आर्जेनटीना तथा विश्व के अन्य राष्ट्रों के धवजों के फहराते, "फ्राँसिसको, फ्राँसिसको, फ्राँसिसको" के जयनारे लगाते लाखों युवाओं के उत्साह ने काथलिक कलीसिया की सजीवता का दर्शन कराया। मंच पर बनी वेदी पर जाने से पूर्व सन्त पापा ने अपनी पापामोबिल से उपस्थित तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया तथा कई बार अपनी मोटर गाड़ी को रोककर बच्चों का आलिंगन किया।
ख्रीस्तयाग प्रवचन में सन्त पापा ने युवाओं से आग्रह किया कि वे विश्व युवा दिवस को एक दिन या एक समय का अनुभव बन कर न रहने दें बल्कि अपने अपने राष्ट्रों में सामाजिक परिवर्तन लाने हेतु तत्पर रहें। उन्होंने कहा, "ख्रीस्त के सुसमाचार का सन्देश सुनाने का अर्थ है ईश्वर की शक्ति को इस धरा पर लाना। बुराई एवं हिंसा को नष्ट करना तथा स्वार्थ, असहिष्णुता एवं घृणा के घेरों को भंग कर उनका विनाश करना ताकि नवीन विश्व का निर्माण हो सके।"
रियो में सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा 28 जुलाई को अर्पित रविवारीय ख्रीस्तयाग में ब्राज़ील की राष्ट्रपति दिलमा रुसेफ, आरजेन्टीना की राष्ट्रपति क्रिस्टीना फरनानडेज़ तथा बोलिविया के राष्ट्रपति इवो मोरालेस भी उपस्थित थे। इनके अतिरिक्त कई लातीनी अमरीकी देशों के उपराष्ट्रपतियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने इस समारोह में भाग लिया।








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