2013-07-23 15:29:54

युवा हृदय की शक्ति से बढ़कर कोई ताकत नहीं


वाटिकन सिटी, मंगलवार 23 जुलाई 2013 (सेदोक): काथलिक कलीसिया के परम धर्मगुरु संत पापा फ्राँसिस सोमवार, 22 जुलाई को, अपनी प्रथम प्रेरितिक यात्रा पर, 28वाँ विश्व युवा दिवस मनाने हेतु ब्राजील के रियो दी जानेइरो पहुँचे। रियो के गलेयो हवाई अड्डे पर औपचारिक स्वागत के बाद वे ग्वानाबारा भवन की ओर रवाना हुए जहाँ उनका अधिकारिक तौर पर स्वागत किया गया। इस अवसर पर ब्राजील की राष्ट्रपति दिलमा वाना रॉसेफ लिनहारेस, रियो के राज्यपाल, सर्जियो काब्रेल फिल्हो तथा रियो दी जानेइरो शहर के महापौर एडूवार्दो पायस उपस्थित थे।
अधिकारिक स्वागत कार्यक्रम में ब्राजील की राष्ट्रपति ने संत पापा का स्वागत करते हुए उनके आगमन पर अपनी खुशी एवं कृतज्ञता जाहिर की। इस स्वागत कार्यक्रम में संत पापा ने अपनी कृतज्ञता प्रकट की तथा विश्व युवा दिवस के प्रतिभागी युवाओं को शुभकामनाएँ अर्पित की।
संत पापा ने वहाँ उपस्थित लोगों को संबोधित कर कहा, "जैसा कि आप जानते हैं मेरी ब्राजील यात्रा का प्रमुख उद्देश्य ‘विश्व युवा दिवस मनाना। विश्व के विभिन्न हिस्सों से हमारे मुक्तिदाता ख्रीस्त की खुली बाहों की क्षत्र छाया में एकत्र युवाओं से मैं मिलना चाहता हूँ। यहाँ एकत्रित युवा येसु के हृदय के करीबी रहकर उनकी स्पष्ट एवं प्रबल आवाज को सुनना चाहते हैं। जो कह रहे हैं "जाओ और सभी राष्ट्रों को शिष्य बना लो।"
ये युवा सभी महाद्वीपों से आये हैं, विभिन्न भाषाएँ बोलते हैं, इनकी संस्कृति एक-दूसरे से भिन्न है इसके बावजूद सभी अपनी प्रमुख अभिलाषा का प्रत्युत्तर ख्रीस्त में पाते हैं। वे अपनी अभिलाषा की भूख परम सत्य से मिटा सकते हैं अतः बहुलता के बावजूद एक स्वतः प्यार उन्हें एकता के सूत्र में बाँध देती है।
ख्रीस्त उन्हें स्थान प्रदान करते हैं। यह जानकर कि युवा हृदय से निकलने वाली शक्ति से बढ़कर कोई शक्ति नहीं हो सकती है यदि मित्रता के एहसास में उन्हें जीत लिया जाए। ख्रीस्त युवाओं पर भरोसा रखकर, मिशन सौंपना चाहते हैं; "जाओ और शिष्य बना लो।" मानवीय सीमाओं के पार भाई-बहनों के रिश्ते की एक दुनिया का निमार्ण करें। युवाओं को ख्रीस्त पर भरोसा है वे उनके लिए अपने एकमात्र जीवन की जोखिम उठाने से नहीं डरते, क्योंकि वे जानते हैं कि उन्हें निराश नहीं होना पड़ेगा।
संत पापा ने कहा, "मैं ब्राजील दौरा आरम्भ कर रहा हूँ। मुझे अच्छी तरह ज्ञात है कि युवाओं को सम्बोधित करते हुए मैं उनके परिवारों, स्थानीय एवं राष्ट्रीय समुदायों, समाज एवं उन सभी लोगों को जिन पर नयी पीढ़ी पूर्णतया निर्भर है, को भी सम्बोधित कर रहा हूँ।
मैं आप सभी से कहना चाहता हूँ, "हमारे बच्चे हमारी आँखों के तारे हैं।" ब्राजील की प्रज्ञा के प्रस्तुतिकरण का यह कितना सुन्दर अभिव्यक्ति है जिसमें युवाओं की तुलना आँखों से की गयी है। आँख हमारी शरीर की खिड़की है, जिससे होकर रोशनी हमारे अंदर प्रवेश करती है तथा दृष्टि के चमत्कार को संभव बनाती है। क्या होता यदि हमारी आँखें नहीं देख पातीं? हम कैसे आगे बढ़ सकते? मैं आशा करता हूँ कि इस सप्ताह आप प्रत्येक अपने आप से यही विचारशील प्रश्न पूछेंगे।"
संत पापा ने कहा, "युवा ही वह खिड़की है जिसमें से होकर भविष्य संसार में प्रवेश करता है। इस प्रकार यह हमारे सामने बड़ी चुनौती है। अगर हम उन्हें उचित स्थान दें भौतिक एवं आध्यात्मिक परिस्थितियों में उनके जीवन के निर्माण एवं सम्पूर्ण विकास हेतु एक ठोस आधार दें, उनकी सुरक्षा एवं सम्पूर्ण शिक्षा की गारंटी, उनके जीवन को अर्थ पूर्ण बनाने के लिए जीवन के विशेष मूल्यों, उनकी यथार्थ खुशी एवं अच्छाई की सक्रियता की लालसा को तृप्त करने के लिए दिव्य क्षितिज प्रदान करें, मानवीय जीवन के योग्य दुनिया उन्हें दें एवं उनके अंदर निहित उनके लक्ष्य प्राप्ति की क्षमता को जागृत करें तो भविष्य की पीढ़ी एक दिन समाज की आशाओं को पूर्ण कर पायेगी। ।
संत पापा ने अंत में कहा," मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ कि एक दूसरे का ध्यान रखें और यदि आवश्यक हो तो सहानुभूतिपूर्ण एवं मित्रवत् वार्तालाप करें। संत पापा की बाहें ब्राजील की मानवीय, सांस्कृतिक, धार्मिक जटिलता एवं समृद्धि को गले लगाता है; अमाजोन बसीन से लेकर पाम्पास तक, सूखा प्रदेश से लेकर पानटानाल तक, छोटे गाँव से बड़े शहर तक। कोई भी संत पापा के स्नेह से वंचित नहीं है। ईश्वरीय योजना के इन दो दिनों में मैं आप सभी के लिए प्रार्थना करूगाँ। मैं आप लोगों को अपारेचिदा की माता मरिया के सम्मुख याद करूँगा, आपके घर परिवार में उसकी ममतामय सुरक्षा का आग्रह करूँगा। अब मैं आपको अपना आशीर्वाद प्रदान करता हूँ तथा आपके स्वागत के लिए धन्यवाद देता हूँ।









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