वाटिकन सिटीः रोम पर बम्बारी की 70 वीं बरसी पर कार्डिनल वाल्लीनी को सन्त पापा का सन्देश
वाटिकन सिटी, 20 जुलाई सन् 2013 (सेदोक): रोम तथा शहर के सन्त लॉरेन्स महागिरजाघर पर
हुई बम्बारी की 70 वीं बरसी पर सन्त पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को रोम के प्रतिधर्माध्यक्ष
कार्डिनल अगोस्तीनो वाल्लीनी के नाम एक सन्देश प्रेषित किया। द्वितीय विश्व युद्ध
के दौरान, 19 जुलाई सन् 1943 ई. को हुई बम्बारी में रोम स्थित सन्त लॉरेन्स महागिरजाघर
पूरी तरह भस्म हो गया था तथा उसके इर्द गिर्द के क्षेत्रों में भारी तबाही मची थी। रोम
पर किये गये बम हमलों में 60,000 टन बारूदी पदार्थ फेंके गये थे। 600 हवाई जहाज़ तथा
उनपर सवार 3,600 कर्मचारी भी मारे गये थे। सन्देश में सन्त पापा ने लिखाः "19 जुलाई,
सन् 1943 ई. को हुई हिंसक बम्बारी में हताहत हुए लोगों एवं महागिरजाघर को पहुँची भारी
क्षति की याद में सन्त लॉरेन्स महागिरजाघर में प्रार्थना के लिये एकत्र सभी लोगों के
मैं समीप हूँ।" उन्होंने लिखा, "उस विनाशक घटना के 70 वर्षों बाद सन्त लॉरेन्स महागिरजाघर
में एकत्र होने का उद्देश्य हिंसक आक्रमण में मारे गये लोगों के लिये प्रार्थना का अवसर
है और साथ ही यह युद्ध की निरर्थकता पर चिन्तन का भी सुअवसर है।" सन्देश में सन्त
पापा ने तत्कालीन सन्त पापा पियुस 12 वें के प्रति भी कृतज्ञता ज्ञापित की जिन्होंने
उन भयावह क्षणों में रोम शहर के नागरिकों को हर सम्भव सहायता प्रदान की थी। सन्त पापा
फ्राँसिस ने कहाः "पियुस 12 वें ने परीक्षा की उन घड़ियों में रोम के नागरिकों को सान्तवना
के साथ साथ भौतिक एवं आध्यात्मिक सहायता प्रदान कर एक भले मेषपाल होने का साक्ष्य प्रदान
किया था।" उन्होंने कहा कि पापा पाचेल्ली यानि सन्त पापा पियुस 12 वें द्वारा सम्पादित
कार्य, परमधर्मपीठ एवं कलीसिया द्वारा अनवरत जारी, एकात्मतापूर्ण कार्यों का प्रतीक है।