नई दिल्लीः मिड-डे मील मौतों को रोका जा सकता था, यूनीसेफ
नई दिल्ली, 19 जुलाई सन् 2013 (ऊका समाचर): संयुक्त राष्ट्र संघीय बाल निधि यूनीसेफ ने
कहा है बिहार के छपरा में मिड डे मील से हुई मौतों को रोका जा सकता था। सूत्रों के
अनुसार बिहार के छपरा और मशरख में पर्याप्त स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाओं के न होने
के कारण खाना खाने के बाद बच्चों को उपयुक्त चिकित्सा नहीं दी जा सकी। इसके अतिरिक्त,
प्रशासन ने बीमार बच्चों को छपरा से पटना मेडिकल अस्पताल ले जाने का निर्णय, घटना के
12 घण्टे बाद लिया। यदि तत्काल फैसला ले लिया जाता तो शायद इतने बच्चे नहीं मरते। यूनीसेफ
ने नई दिल्ली में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर हालांकि इस बात को स्वीकार किया है कि भारत
में दोपहर के भोजन वाली योजना विश्व की सबसे बड़ी स्कूली योजना है तथापि कहा है भोजन
तैयार करने में सावधनी बरती जाने की सख्त ज़रूरत है। यूनीसेफ ने कहा कि घटना पर विस्तृत
जानकारी के लिये वह मानव संसाधन और विकास मंत्रालय से सम्पर्क में है। यूनीसेफ ने
इस बात पर बल दिया है कि भारत की दोपहरी भोजन योजना में सुरक्षा हेतु कुछेक नियमों का
सख्ती से पालन किया जाना अनिवार्य है। इनमें, भोजन बनाने की जगह को कीटाणुओं एवं मक्खियों
आदि से साफ-सुथरा रखना, खाद्य पदार्थों के लिये सुरक्षित एवं स्वच्छ स्थलों की व्यवस्था
करना, भोजन बनाने से पूर्व सब्जियों एवं अनाजों को अच्छी तरह धोना, रसोईया और उसके सहायकों
को अपनी साफ सफाई पर ध्यान देना तथा भोजन ग्रहण करने से पहले बच्चों के हाथ साबून से
धुलवाना आदि शामिल हैं।