2013-07-17 11:42:53

कुआला लुम्पुरः वाटिकन के राजदूत ने मलेशिया के आन्तरिक मामलों में दखल से किया इनकार


कुआला लुम्पुर, 17 जुलाई सन् 2013 (एपी): मलेशिया में वाटिकन के प्रथम परमधर्मपीठीय प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष जोसफ मरीनो ने मलेशिया के आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप के आरोपों से इनकार कर दिया है।
मंगलवार को महाधर्माध्यक्ष ने इस बात से साफ इनकार कर दिया कि उन्होंने "अल्लाह" शब्द के प्रयोग पर जारी संवेदनशील कानूनी लड़ाई में हस्तक्षेप की कोशिश की थी।
"ईश्वर" शब्द के मलय भाषा में "अल्लाह" अनुवाद को लेकर मलेशिया में विगत कुछ समय से वाद-विवाद एवं तनाव उत्पन्न हो गये हैं। हालांकि, सन् 2009 में अदालत के फैसले ने ग़ैरमुसलमानों को "अल्लाह" शब्द का उपयोग करने की अनुमति दे दी थी।
मलेशिया के रूढ़िवादी मुसलमान दलों का कहना है कि "अल्लाह" शब्द केवल मुसलमानों द्वारा प्रयुक्त किया जाता है इसलिये ग़ैरमुसलमानों को इसका उपयोग नहीं करना चाहिये। दूसरी ओर मलेशिया के ख्रीस्तीय एवं अन्य अल्पसंख्यकों का कहना है कि मलय भाषा में वे शताब्दियों से ईश्वर के लिये "अल्लाह" शब्द का प्रयोग करते रहे हैं।
इस संवेदनशील विषय पर महाधर्माध्यक्ष जोसफ मरीनो ने विगत सप्ताह पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि मलेशिया के ख्रीस्तीयों ने अपनी बात को रखने के लिये तर्कसंगत एवं स्वीकार्य दलीलें पेश की हैं। इसके बाद प्रधान मंत्री नजीब रज़क ने एक वकतव्य जारी कर महाधर्माध्यक्ष की टीका को देश के आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप बताया था तथा दो राष्ट्रों के बीच कूटनैतिक सम्बन्धों की शर्तों का स्मरण दिलाय था।
मंगलवार को मलेशिया के विदेश मंत्री अनीफा अमन ने परमधर्मपीठीय राजदूत महाधर्माध्यक्ष मरीनो को अपने कार्यालय में बुलाया था। महाधर्माध्यक्ष मरीनो ने आश्वासन दिया है कि उनकी टीका किसी भी प्रकार देश के आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप के अभिप्राय से नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि उनकी टीका से उत्पन्न ग़ैरसमझदारी के लिये वे क्षमाप्रार्थी हैं।
सन् 2011 में वाटिकन तथा मलेशिया के बीच कूटनैतिक सम्बन्ध स्थापित होने के उपरान्त इस वर्ष परमधर्मपीठीय राजदूत महाधर्माध्यक्ष मरीनो मलेशिया पहुँचे थे।
मलेशिया की कुल आबादी दो करोड़ नब्बे लाख है जिनमें दो तिहाई इस्लाम धर्मानुयायी हैं।








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