वाटिकन सिटीः समुद्र को समर्पित रविवार पर वाटिकन का सन्देश
वाटिकन सिटी, 16 जुलाई सन् 2013 (सेदोक): वाटिकन ने समुद्र में नौकरीरत लोगों के अधिकारों
के सम्मान का आह्वान करते हुए कहा है कि समुद्री कार्यकर्त्ताओं को हर प्रकार की सुरक्षा
एवं स्वास्थ्य मुहैया कराना अनिवार्य है। इस वर्ष 14 जुलाई को मनाये गये "समुद्री
रविवार सन् 2013" के उपलक्ष्य में, आप्रवासियों एवं यात्रियों की प्रेरिताई हेतु गठित
परमधर्मपीठीय समिति ने एक विशिष्ट सन्देश जारी किया। सन्देश में विश्व के ख्रीस्तानुयायियों
से आग्रह किया गया है कि वे विश्व के सागरों में यात्रारत लगभग एक लाख जहाज़ों पर नौकरी
करनेवाले लगभग 15 लाख लोगों के लिये प्रार्थना करें जो अपनी जान को जोखिम में डाल कर
एक समुद्री तट से दूसरे समुद्री तट तक माल पहुँचाने का काम करते हैं। सन्देश में
इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया गया कि नावों एवं जहाज़ों पर सेवारत लोगों को प्रायः
जटिल परिस्थितियों में अपने दायित्वों का निर्वाह करने के अतिरिक्त महीनों अपने परिजनों
से अलग रहना पड़ता है, बहुत बार विपरीत मौसम तथा समुद्री डाकुओं एवं अपराधिक गिरोहों
के हमलों का समाना करना पड़ता है। अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा सन् 2006 में
पारित समुद्री श्रम अधिनियम को लगभग 30 सदस्य देशों का समर्थन मिला है जो लगभग 60 प्रतिशत
नाविकों एवं समुद्री कार्यकर्त्ताओं का नेतृत्व करते हैं। इस अधिनियम में समुद्री श्रमिकों
के वेतन, स्वास्थ्य तथा सामाजिक सुरक्षा आदि अधिकारों को परिभाषित किया गया है। वाटिकन
के सन्देश में सरकारों का आह्वान किया गया है कि वे, राष्ट्र, नस्ल, वर्ण, लिंग, धर्म
अथवा जाति का भेदभाव किये बिना, सभी नाविकों एवं समुद्री श्रमिकों को, अधिनियम में लिखित,
अधिकार दिलवायें।