प्रेरक मोतीः माऊन्ट कारमेल की रानी मरियम (पर्व सन् 1776 ई. से) (16 जुलाई)
वाटिकन सिटी, 16 जुलाई सन् 2013:
माऊन्ट कारमेल की रानी मरियम कारमेल धर्मसमाजी
पुरोहितों एवं धर्संघियों की संरक्षिका हैं जिनका पर्व 16 जुलाई को मनाया जाता है। पवित्र
भूमि इसराएल में कारमेल पर्वत की चोटी पर एक छोटे से घर में कारमेल मठवासियों के आश्रम
की स्थापना हुई थी। कारमेल पर्वतीय चोटी पर ही स्वर्ग में उदग्रहित माता मरियम को समर्पित
पहला गिरजाघर बनवाया गया था।
धर्मनिष्ठ परम्परा के अनुसार, सन् 1251 ई. में इंगलैण्ड
में कैमब्रिज स्थित कारमेल मठ के मठाध्यक्ष सन्त साईमन स्टॉक को धन्य कुँवारी मरियम के
दर्शन प्राप्त हुए थे। इस अवसर पर मरियम ने साईमन को एक स्कंध पट्टी या स्कापुलर प्रदान
कर यह प्रतिज्ञा की थी कि कोई भी व्यक्ति जो इसे धारण करेगा मृत्यु से उसकी रक्षा हो
सकेगी। मरियम ने कारमेल मठवासियों को विशेष सुरक्षा प्रदान करने तथा स्कापुलर धारण करने
वाले सभी व्यक्तियों को ईशकृपा प्राप्त होने की भी प्रतिज्ञा की थी। स्कापुलर धारण करने
के लिये ज़रूरी है कि यह किसी कारमेल मठवासी पुरोहित से प्राप्त किया जाये तथा ग्रहण
करते समय ख्रीस्तीय मूल्यों के अनुकूल पवित्र जीवन यापन का प्रण किया जाये।
प्रभु
ख्रीस्त की माता मरियम ने लूर्द, फातिमा, ग्वादालूपे और जहाँ जहाँ भी दर्शन दिये उन्होंने
कभी भी अपनी ओर से लोगों को कृपा प्रदान करने की बात नहीं की बल्कि सदैव प्रभु येसु के
द्वारा ईश्वर की कृपा मिलने पर बल दिया। माँ मरियम सम्पूर्ण विश्व के लिये ईश्वर की सन्देशवाहक
हैं इसलिये उनकी मध्यस्थता से हम प्रभु को पुकारें। माऊन्ट कारमेल की रानी मरियम का पर्व
16 जुलाई को मनाया जाता है।
चिन्तनः अनुशासन, संयम, सदाचार एवं प्रार्थनामय
जीवन यापन हेतु माँ मरियम हमारी मदद करें, मरियम की मध्यस्थता से हम इस संसार के प्रलोभनों
से दूर रहें तथा ईश कृपा के पात्र बनें। हम प्रार्थना करें: प्रणाम मरिया, कृपापूर्ण,
प्रभु तेरे साथ है, धन्य तू स्त्रियों में और धन्य तेरे गर्भ का फल, येसु। हे सन्त मरिया,
परमेश्वर की माँ प्रार्थना कर हम पापियों के लिये अब और हमारे मरने के समय, आमेन!!