उत्तराखण्ड, 16 जुलाई सन् 2013 (ऊका समाचार): उत्तराखण्ड में एक माह पूर्व आये प्राकृतिक
प्रकोप के दौरान लापता हुए लगभग 6,000 व्यक्तियों को उत्तराखण्ड की सरकार की ओर से मृत
मान लिया जायेगा। ऊका समाचार से उत्तराखण्ड के स्वास्थ्य मंत्री सुरिन्दर सिंह नेगी
ने कहा, "यदि उनका पता नहीं लग पाता है तो सरकार के पास उन्हें मृत घोषित करने के अलावा
कोई अन्य विकल्प नहीं है।" उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में सरकार इस माह के अन्त तक
एक घोषणा जारी करेगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों से लापता लोगों की सूची तैयार
कर लेने के उपरान्त ही कोई कदम उठाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा द्वारा जारी
किए आँकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश के 2098, मध्य प्रदेश के 1035 और उत्तराखंड के 924
व्यक्ति लापता हैं। उत्तराखंड में समय से पहले आई वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन से केदारनाथ,
रूद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के इलाकों में भयंकर तबाही मची है। सरकारी सूत्रों के अनुसार
केदारनाथ और गौरीकुंड के बीच अधिकाधिक लोग मारे गये। प्रशासन द्वारा 580 लोगों की
मौत की पुष्टि की जा चुकी है तथा 5748 लोग लापता हैं हालांकि मरनेवालों एवं लापता लोगों
की वास्तविक संख्या कभी भी पता नहीं चल पायेगी। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा है कि
लापता लोगों को मृत मानकर उनके परिजनों को मुआवज़ा देना शुरु कर दिया जायेगा तथा साथ
ही खोज अभियान भी जारी रहेगा।