2013-07-15 14:39:34

कलम और किताब सबसे ताकतवर हथियार


न्युयॉर्क, सोमवार 15 जुलाई, 2013 (बीबीसी) पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने पर चरमपंथियों की गोलियों का शिकार बनी मलाला युसुफ़जई ने अपने 16वें जन्मदिन पर संयुक्त राष्ट्र को संबोधित किया।
संयुक्त राष्ट्र के एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए मलाला ने कहा कि वो हर बच्चे को शिक्षा के अधिकार के लिए बात करने आई हैं।
मलाला ने कहा, "तालिबान के हमले से उनकी ज़िंदगी में कुछ नहीं बदला सिवाय इसके कि “कमज़ोरी, डर और नाउम्मीदी ख़त्म हो गई।”
उन्होंने कहा, “चरमपंथी और कलम से डरते थे और अब भी डरते हैं। वे महिलाओं से भी डरते हैं।”
मालूम हो कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में युवाओं के एक विशेष सत्र में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून और दुनिया भर से आए 500 से ज़्यादा छात्र-छात्राएं मलाला को सुनने के लिए मौजूद थे।
उन्होंने वैश्विक शक्तियों का आहवान किया कि वे नीतियां शांति के पक्ष में बनाएँ।
मलाला ने कहा कि वह महिला अधिकारों के लिए इसलिए संघर्ष कर रही हैं क्योंकि “उन्हीं को सबसे ज़्यादा भुगतना पड़ता है।”
उन्होंने कहा, “चलिए हम अपनी किताबें और पेन उठा लेते हैं। यही सबसे ताकतवर हथियार हैं। एक बच्चा, एक शिक्षक, एक पेन और एक किताब दुनिया को बदल सकते हैं. शिक्षा ही एकमात्र हल है।”
मलाला ने कहा वह बहुत-सी लड़कियों में से एक हैं जिन्होंने उनके लिए आवाज़ उठाई है जो अपनी बात खुद नहीं रख सकते।

मलाला लड़कियों के अधिकार के लिए लड़ने वालों का प्रतीक बन गई है
गुलाबी रंग का स्कार्फ़ पहने ने सभी बच्चों के लिए मुफ़्त अनिवार्य शिक्षा का आहवान किया और कहा कि सिर्फ़ शिक्षा के माध्यम से ही जीवन स्तर सुधारा जा सकता है
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने भी सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि मलाला “हमारा हीरो” और “हमारा चैंपियन” है। वे हमसे कह रहीं हैं कि हम अपने वायदे पूरे करें, युवाओं पर ध्यान दें और शिक्षा को पहली प्राथमिकता बनायें।





















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