वाटिकन सिटी: प्रवासियों और खानाबदोशों के अधिकारों के प्रति वाटिकन आशान्वित
वाटिकन सिटी, शनिवार, 13 जुलाई 2013 (सेदोक): प्रवासी और भ्रमणकारी लोगों की मेषपालीय
सेवा में कार्यरत वाटिकन परमधर्मपीठीय समिति द्वारा ‘समुद्री रविवार 2013’ के अवसर पर
12 जुलाई को जारी किये गये विज्ञप्ति में आशा व्यक्त की गई है कि अगस्त महीने में सम्पन्न
होनेवाला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन करीब 1.5 लाख नाविकों के जीवन में सुधार हेतु मदद प्रदान
करेगा। इसमें कार्यरत नाविकों में करीब 90 प्रतिशत लोग माल ढोनेवाली जहाज़ों को चलाते
हैं। 14 जुलाई को परम्परागत रुप से मनाये जाने वाले "सागर रविवार" के लिये संदेश
प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा "बहुत से नाविक अपने प्रियजनों से दूर, पानी जहाजों
में महीनों बिताने एवं कार्य करने में कठिनाई महसूस करते हैं, वे विदेशी बंदरगाहों में
बिना वेतन, अकेले, अपराधियों एवं प्राकृतिक आपदाओं का सामना करते हैं।" जब अंतराष्ट्रीय
श्रम संगठन ‘मारितीमे लेबर कॉनवेंशन 2009 (एमएलसी 2006) अगस्त महीने में बलवती होगी
तब यह नया अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन मुश्किलताओं और कठिनाईयों में पड़े सभी नाविकों के लिए
गहन अंधेरी रात में आशा की ज्योति साबित होगी। एमएलसी 2006 नाविकों के रहने तथा कार्य
करने की स्थिति के सभी पहलूओं के लिए न्यूनतम अंतराष्ट्रीय मांग स्थापित करता है तथा
रोजगार के उचित शर्तों सहित चिकित्सा देखभाल, सामाजिक सुरक्षा की रक्षा एवं तट आधारित
कल्याण सुविधाओं के उपयोग की सुविधा आदि प्रदान करता है। नाविकों के लिए काथलिक कलीसिया
का मेषपालीय सेवा ‘सागर प्रेरिताई कार्यक्रम’(एओएस) लोकप्रिय ‘पोर्ट साइड स्टेला मैरिस’
केन्द्र द्वारा संचालित होता है। वाटिकन परमधर्मपीठीय समिति नाविकों के स्वस्थ्य एवं
जीवन में सुधार चाहती है तथा बिना भेदभाव के सागर तट आधारित सुविधाओं एवं सेवाओं को उपलब्ध
कराने के लिये कटिबद्ध है। काथलिक कलीसिया ने 90 वर्षों से सागर की प्रेरिताई के माध्यम
से अपने कार्यकर्ताओँ एवं स्वयंसेवकों द्वारा दुनिया के 260 बन्दरगाहों में नाविकों,
मछुवारों तथा उनके परिवारों के लिए आध्यात्मिक एवं भौतिक कल्याण के कार्यों द्वारा अपनी
मातृ तुल्य स्नेह प्रदर्शित किया है। ज्ञात हो कि वर्षों से समारोह प्रत्येक वर्ष,
जुलाई महीने के दूसरे सप्ताह में मनाया जाता है। यह समय, प्रार्थना एवं विश्व समुदय को
लोगों द्वारा अर्पित समुद्री सेवा के लिए धन्यवाद देने का समय है। विदित हो कि समुद्री
मार्ग में करीब एक लाख पचास हजार जहाज़ चालक करीब एक लाख जहाज़ों में कार्य करते हैं
जिनमें 90 प्रतिशत लोग मालवाहक जहाजों में कार्यरत हैं।