कोलोम्बो, शुक्रवार 12 जुलाई, 2013 ( एशिय़ान्यूज़) बौद्ध धर्मावलंबियों के मुख्य तीर्थस्थल
बोध गया को सुरक्षित नहीं रख पाने का आरोप लगाते हुए श्रीलंका के करीब 700 बौद्ध मठवासियों
ने भारत सरकार के विरोध में मार्च किया और कहा कि भारत सरकार ‘दोषी’ है।
जब बौद्ध
भिक्षु कोलोम्बो में अवस्थित भारतीय दूतावास गये तो भारतीय अधिकारियों ने उनकी शिकायत
नहीं सुनी।
विदित हो पिछले दिनों में कुछ लोगों ने बोध गया में बम विस्फोट कर
बौद्ध धार्मिक स्थल को क्षति पहुँचायी थी।
विरोध करने वाले बौद्ध ‘बोदु बाल सेना’
और ‘रावण बालाया’ के सदस्य थे। इन दोनों बौद्ध संगठन सदा ही विवादास्पद रहे हैं। इनका
मिशन है बौद्ध धर्मवालंबियों एवं सिंहलियों की रक्षा करना। इस दल के सदस्य ईसाइयों और
मुसलमानों को अपना निशाना बनाते रहे हैं।
भारतीय अधिकारी बोधगया में हुए बम
हमले की छान-बीन कर रहे हैं। भारत के काथलिकों ने भी बम विस्फोट का विरोध किया है।
दलाई
लामा ने भी बम विस्फोट का विरोध बड़ी ही सतर्कतापूर्वक करते हुए कहा कि इस प्रकार कि
गतिविधियोँ में ‘कुछ’लोगों का हाथ है।
विदित हो कि बोधगया में स्थित बोधी वृक्ष
को क्षति नहीं हुई सिर्फ़ दो बौद्ध भिक्षु घायल हुए पर बौद्ध समुदाय में असुरक्षा की
भावना का दहशत फैल गया है।