2013-07-03 11:58:43

जिनिवाः सिरिया में धार्मिक नेताओं और समुदायों के विरुद्ध हिंसा की निन्दा


जिनिवा, 03 जुलाई, सन् 2013 (सेदोक): कलीसियाओं की विश्व समिति "वल्ड काऊन्सल ऑफ चर्चस डब्ल्यूसीसी ने सिरिया में धार्मिक नेताओं एवं धार्मिक समुदायों के विरुद्ध हिंसा की कड़ी निन्दा की है।
मंगलवार को डब्ल्यूसीसी के अध्यक्ष रेवरेण्ड डॉ. ओलाव फिक्से ट्वाईट के वकतव्य की प्रकाशना की गई। इसमें डॉ. ट्वाईट ने सिरिया में जारी युद्ध तथा इस युद्ध में धर्म के दुरुपयोग की कड़ी निन्दा की है। उन्होंने कहा कि देश में विभाजन उत्पन्न करने के लिये जानबूझकर धार्मिक नेताओं एवं धार्मिक समुदायों के विरुद्ध हमले किये जा रहे हैं।
उन्होंने लिखा, "कलीसियाओं की विश्व समिति मनोवैज्ञानिक युद्ध स्थिति, राजनैतिक रणनीति या धमकियों आदि अस्त्र रूप में धर्म के दुरुपयोग का बहिष्कार करती है।"
सिरिया के अल-घासानियाह में 22 जून को ख्रीस्तीय पुरोहित फादर फाँसुआ मोराद की बर्बर हत्या पर उन्होंने गहन चिन्ता व्यक्त की और कहा अल-घासानियाह की ख्रीस्तीय जनता तथा फादर फ्राँसुआ सिरिया के इस भाग में शांतिपूर्ण जीवन यापन करना चाहते थे जहाँ वे, अपने मुसलमान भाइयों के साथ, सदियों से जीवन यापन करते आये हैं।
उन्होंने कहा, "खेदवश, यह स्पष्ट हो रहा है कि बाहर से सिरिया में घुसे आतंकवादी एवं रूढ़िवादी तत्व सिरियाई संकट का अनुचित लाभ उठा रहे हैं तथा देश के ख्रीस्तीयों एवं मुसलमानों के बीच विभाजन एवं तनाव उत्पन्न करने के लिये जानबूझकर ख्रीस्तीयों को निशाना बना रहे हैं।" उन्होंने कहा कि यह निन्दनीय है कि वे धार्मिक नेताओं, धार्मिक संस्थाओं एवं आराधना स्थलों को भी नहीं बख्श रहे हैं।
डॉ. ट्वाईट ने कहा, "सिरिया के अनेक मुसलमान नेताओं से बातचीत में यह स्पष्ट हुआ है कि वे भी देश में जारी क्रूर कार्रवाइयों से स्तब्ध हैं जो जानबूझकर सिरिया तथा मध्यपूर्व के देशों में, जीवन यापन करनेवाले ख्रीस्तीयों एवं मुसलमानों के बीच, शत्रुता पैदा करने के लिये की जा रहीं हैं।"
सिरिया के मुसलमान नेताओं का उन्होंने आह्वान किया कि वे उन सब का खण्डन करें जो नागरिकों के विरुद्ध हिंसा का औचित्य ठहराने के लिये इस्लाम का दुरुपयोग कर रहे हैं।








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