2013-06-29 16:27:37

वाटिकन सिटी : देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा फ्राँसिस का संदेश


वाटिकन सिटी, शनिवार, 29 जून 2013 (सेदोक): रोम स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में, 29 जून को कलीसिया के महान संरक्षक संत पेत्रुस एवं पौलुस के महापर्व के अवसर पर, संत पापा फ्राँसिस ने समारोही पावन ख्रीस्तयाग के पश्चात देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने उपस्थित विश्वासियों को संबोधित कर कहा,
अति प्रिय भाइयो एवं बहनो,
आज, 29 जून महान संतों पेत्रुस एवं पौलुस का महापर्व है। विशेष रुप से रोमी कलीसिया का महापर्व जो इन प्रेरितों की शहादत पर स्थापित है। यह विश्वव्यापी कलीसिया के लिए भी एक महापर्व है क्योंकि पूरी कलीसिया उनके विश्वास के दान के लिए ऋणि है।
येसु को ख्रीस्त, ईश्वर के पुत्र स्वीकार करने वालों में पेत्रुस प्रथम हैं तथा पौलुस ने ग़ैर यहूदियों (ग्रेको रोमन) के बीच इसका प्रचार किया है। ईश्वर ने चाहा कि वे दोनों रोम आयें तथा विश्वास की ख़ातिर आपना रक्त बहायें। इस कारण रोम की कलीसिया शीघ्र ही कलीसिया की केंद्र बन गयी, संत पापा ने कहा, "किसी सम्राट की शक्ति पर नहीं किन्तु ख्रीस्त के साक्ष्य हेतु शहादत के बल पर। उन्होंने कहा कि केवल ख्रीस्त के प्रति प्रेम ही विश्वास को जन्म देती तथा कलीसिया का संचालन करती है।
संत पापा ने संत पेत्रुस पर चिंतन करते हुए कहा कि उन्होंने येसु पर अपने विश्वास की अभिव्यक्ति की जो उनकी मानवीय शक्ति के कारण नहीं किन्तु ईश्वरीय शक्ति के कारण सम्भव हुई। पेत्रुस ने येसु के शब्दों और इशारों में प्रेम को महसूस किया कि येसु मनुष्यों के बीच ईश्वर के प्रेम के साक्षात रुप थे।
संत पापा ने आगे कहा, संत पौलुस के साथ भी वही हुआ, किन्तु अलग तरीके से। नौजवान युवक पौलुस ख्रीस्तीयों का शत्रु था तथा जब दमिश्क शहर के रास्ते में पुनर्जीवित ख्रीस्त ने उसे बुलाया तब उसका जीवन बदल गया। उसने यह महसूस किया कि ख्रीस्त मरे नहीं हैं किन्तु जीवित हैं तथा वे दुश्मन से प्यार करते हैं। यहाँ उन्होंने येसु में ईश्वर की दया एवं क्षमा का अनुभव किया, यही सुसमाचार है इसी के लिए उन्होंने अपना जीवन अर्पित किया।
संत पापा ने कहा, "प्यारे भाइयो एवं बहनो, प्रेमी ईश्वर में विश्वास करना कितना आनन्दमय है। संत पेत्रुस एवं पौलुस ने इसी विश्वास को प्राप्त किया तथा कलीसिया को दिया। हम उनके महान साक्ष्य के लिए ईश्वर की महिमा करें।








All the contents on this site are copyrighted ©.