नई दिल्लीः उत्तराखण्ड में जलप्रलय के बाद कारितास ने जताई महामारी की आशंका
नई दिल्ली, 27 जून सन् 2013 (एशियान्यूज़): उत्तराखण्ड में विगत सप्ताह के भूस्खलन और
बाढ़ से मची तबाही के उपरान्त मलबे में दबे शवों के सड़ने के कारण हैज़े और अन्य महामारियाँ
फैलने की आशंका व्यक्त का जा रही है। विश्वव्यापी काथलिक उदारता संगठन कारितास की
भारतीय शाखा "कारितास इन्डिया" की बबीता एलिक ने एशिया समाचार को बताया कि सरकारी एवं
सैन्य बलों के साथ साथ "कारितास इन्डिया" बाढ. प्रभावित लोगों को राहत पहुँचाने में सबसे
आगे है। उन्होंने बताया कि कम से कम 1000 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है किन्तु
10,000 से अधिक व्यक्ति लापता हैं तथा लगभग 99,000 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों
से खाली कर सुरक्षित जगहों पर पहुँचा दिया गया है। उन्होंने कहा कि तबाही के
बाद पहाड़ों पर शवों के सड़ने से हैज़े जैसी महामारी का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने कहा
विगत दिनों अतिसार, तेज़ बुखार तथा उलटियों से सैकड़ों लोग बीमार हुए हैं तथा अब महामारी
फैलने की आशंका प्रबल हो रही है। इस बीच, महामारी से आशंकित स्वास्थ्य विभाग ने
बीमारियों से निपटने के लिये रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और हरिद्वार में इंटिग्रेटेड डिज़ीज़
सर्वेलियन्स प्रोग्राम शुरू कर दिया है। बड़ी संख्या में जीव-जंतु भी मरे हैं जिनमें
सबसे अधिक संख्या चूहों एवं गिलहरियों की है जिससे डायरिया, वायरल फीवर, निमोनिया, फेफड़ों
के संक्रमण के साथ साथ प्लेग के फैलने का ख़तरा है।