वाटिकन सिटीः "अपनी सिद्धि नहीं, ईश्वर की महिमा खोजें", परमधर्मपीठीय प्रतिनिधियों से
सन्त पापा फ्राँसिस
वाटिकन सिटी, 21 जून सन् 2013 (सेदोक): परमधर्मपीठ के प्रतिनिधियों से सन्त पापा फ्राँसिस
ने आग्रह किया है कि वे अपनी सिद्धि के लिये कार्य न करें अपितु ईश्वर की महिमा की खोज
में लगे रहें। शुक्रवार को वाटिकन में विश्व के विभिन्न देशों में सेवारत परमधर्मपीठीय
प्रेरितिक राजदूतों, प्रेरितिक प्रतिनिधियों एवं स्थायी पर्यवक्षकों ने सन्त पापा फ्राँसिस
का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना। काथलिक कलीसिया द्वारा घोषित विश्वास वर्ष के
उपलक्ष्य में, 21 तथा 22 जून को, विश्व में सेवारत परमधर्मपीठीय प्रेरितिक प्रतिनिधि
वाटिकन में मनन चिन्तन के लिये एकत्र हुए हैं। अपने सन्देश में सन्त पापा ने कहा
कि परमधर्मपीठ के प्रतिनिधियों को सांसारिक माया जाल में नहीं फँसना चाहिये जो व्यक्ति
अपनी बढ़ाई, अपने विकास और अपनी सिद्धि की ओर ढकेलती है अपितु लोगों की सेवा कर ईश्वर
एवं ईश्वर महिमा की खोज करनी चाहिये। सन्त पापा ने कहा कि विश्व के विभिन्न देशों
में प्रेषित, "परमधर्मपीठीय प्रतिनिधि निरन्तर आगे बढ़ते तीर्थयात्री हैं। ऐसे तीर्थयात्री
जो येसु एवं उनके सुसमाचार को सदैव, एक अनमोल कोष के सदृश, अपने साथ लिये चलते हैं, उसका
संचार करते, उसे उदघोषित करते तथा जग के कोने कोने में उसके सन्देशवाहक बनते हैं।" उन्होंने
कहा, "इस विश्व की धन सम्पदा एवं इसके परिप्रेक्ष्य समाप्त हो जाते हैं, ये व्यक्ति को
असन्तुष्ट छोड़ देते हैं किन्तु प्रभु येसु एवं उनका सुसमाचार वह कोष है जो कभी खाली
नहीं होता, कभी धोखा नहीं देता है।" परमधर्मपीठीय प्रतिनिधियों को सन्त पापा ने परामर्श
दिया कि, योग्य रीति से अपनी प्रेरिताई के निर्वाह हेतु, वे सतत् प्रार्थना तथा मनन चिन्तन
द्वारा, आध्यात्मिक सम्बल प्राप्त करें।