2013-06-20 12:09:08

वाटिकन सिटीः सन्त पापा ने पाखण्ड एवं मिथ्याचार का किया खण्डन


वाटिकन सिटी, 20 जून सन् 2013 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने पाखण्ड एवं मिथ्याचार की निन्दा कर कहा है कि ढोंगियों का आचार व्यवहार कलीसिया को नुकसान पहुँचाता है।
वाटिकन स्थित सन्त मर्था आवास के प्रार्थनालय में बुधवार को ख्रीस्तयाग के अवसर पर सन्त मत्ती रचित सुसमाचार में निहित फरीसियों एवं शास्त्रियों के व्यवहार पर टीका करते हुए सन्त पापा ने कहा कि वे दिखावे के लिये प्रार्थना करते थे, उपवास रखते थे तथा भिक्षादान करते थे।
उन्होंने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि कलीसिया में भी बहुत से ऐसे लोग हैं जो दिखावे के लिये सेवा करते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की सेवा ढोंग मात्र है जिससे कलीसिया को क्षति पहुँचती है।
सन्त पापा ने कहा, "आज के सुसमाचार में, प्रभु ऐसे ही ढोंगियों की चर्चा करते हैं। ढोंगी लोग, उपवास, प्रार्थना एवं भिक्षादान पर बड़ी बड़ी बातें करते हैं जो ख्रीस्तीय भक्ति, धर्मपरायणता एवं आन्तरिक मनपरिवर्तन के तीन स्तम्भ हैं तथा जिनका प्रस्ताव कलीसिया चालीसा काल में करती है। धर्मपरायणता के इस पथ पर अनेक मिथ्याचारी और पाखण्डी भी हैं जो उपवास, प्रार्थना एवं भिक्षा दान का ढोंग रचते हैं।"
उन्होंने कहा, "ईश्वर के साथ सम्बन्ध में जब पाखण्ड इस हद तक पहुँच जाता है तब हम पवित्रआत्मा के विरुद्ध पाप के निकट आ जाते हैं।" उन्होंने कहा, "पाखण्डी सौन्दर्य से वाकिफ़ नहीं हैं, वे प्रेम का मर्म नहीं समझते, सत्य को नहीं जानतेः वे संकुचित, छोटे एवं कायर हैं।"








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