वाटिकन सिटीः प्रभु येसु की तरह शत्रुओं से प्रेम करने की सन्त पापा फ्राँसिस ने दी शिक्षा
वाटिकन सिटी, 19 जून सन् 2013 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने काथलिक धर्मानुयायियों
से आग्रह किया है कि प्रभु येसु का अनुसरण कर वे अपने शत्रुओं से भी प्रेम करें हालांकि
यह बहुत ही मुश्किल काम है। वाटिकन स्थित सन्त मर्था आवास के प्रार्थनालय में 18
जून को ख्रीस्तयाग के अवसर पर प्रवचन करते हुए सन्त पापा ने कहा कि हालांकि अपने शत्रुओं
से प्रेम करना कठिन काम है तथापि प्रभु येसु हमसे ऐसा करने की अपेक्षा करते हैं। उन्होंने
कहा, "शत्रुओं से प्रेम हमें, उसी प्रकार कंगाल या दरिद्र बना देता है जैसे प्रभु येसु
मसीह हमारे लिये दरिद्र, कंगाल और निर्धन बन गये थे।" उन्होंने कहा, येसु के इस तरह कृपा
में अकिंचन बनने से ही हम सम्पन्न बने हैं। यही मुक्ति का रहस्य है।" सन्त पापा ने
प्रश्न कियाः "उन लोगों से हम कैसे प्रेम कर सकते हैं जो बमों से इतने अधिक लोगों को
मार डालने का निश्चय कर लेते हैं? और उन लोगों को कैसे प्यार किया जा सकता है जो धन के
लालच में वयोवृद्धों को चिकित्सा से वंचित करते तथा उन्हें मरने के लिये छोड़ देते हैं?
या वे लोग जो अपनी स्वार्थसिद्धि के लिये दूसरों का अनिष्ट करते हैं?" उन्होंने कहा कि
इन लोगों से प्रेम करना असम्भव जान पड़ता है किन्तु प्रभु ख्रीस्त के अनुयायी होने के
कारण हमारा दायित्व है कि हम उन लोगों से भी प्यार करें जो हमारा बुरा चाहते हैं। सन्त
पापा ने कहा कि यह कार्य कठिन है जिसके लिये सतत् प्रार्थना की आवश्यकता है।