वाटिकन सिटीः जीवन के साक्षी बने, सन्त पापा फ्राँसिस
वाटिकन सिटी, सोमवार 17 जून 2013 (सेदोक): रोम स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण
में, 16 जून को संत पापा प्राँसिस ने ‘जीवन के सुसमाचार’ दिवस के अवसर पर पवित्र मिस्सा
बलिदान अर्पित किया। पवित्र मिस्सा के दौरान उपदेश में भक्त समुदय को संबोधित कर उन्होंने
कहा,
"अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, इस समारोह का अति सुन्दर नाम है: ‘जीवन
का सुसमाचार’। इस पवित्र यूखरिस्त के साथ, विश्वास को समर्पित वर्ष में, हम ईश्वर को
जीवन के सभी वरदानों के लिए धन्यवाद दें, साथ ही, जीवन के सुसमाचार के साक्षी बनें।"
संत पापा ने कहा, " जो ईश वचन हमने सुना है उसके आधार पर, मैं हमारे विश्वास
के तीन विन्दुओं पर चिंतन प्रस्तुत करना चाहूँगा: पहला, बाईबिल जीवन्त ईश्वर को प्रकट
करता, ईश्वर, जो स्वयं जीवन हैं तथा जीवन के स्रोत भी। दूसरा, येसु ख्रीस्त जीवन
प्रदान करते हैं तथा पवित्र आत्मा जीवन का मार्ग दर्शन करते हैं। तीसरा, ईश्वर का
मार्ग जीवन की ओर ले चलता है जबकि सांसारिक वस्तुओं की दौड़ मृत्यु की ओर।"
संत
पापा ने प्रथम बिन्दु में सामुएल के दूसरे ग्रंथ से लिए गये पाठ का विश्लेषण करते हुए
कहा "यह हमें जीवन और मृत्यु के बारे बतलाता है। इस पाठ में राजा दाऊद ने हित्ती की पत्नी
के साथ हुए व्याविचार को छिपाना चाहा था।" संत पापा ने कहा कि जब राजा दाऊद के समान हम
खुद पर भरोसा रखने लगते हैं, हम अपने स्वार्थ में बंद हो जाते तथा ईश्वर का स्थान ग्रहण
कर लेते हैं, तब हमारा अंत मृत्यु है। घमंड झूठ को लाता है, जिसके कारण हम खुद तथा
दूसरों को भी धोखा देते हैं। राजा दाऊद ने जो किया था उसके कारण वह मृत्यु दण्ड के लायक
था, किन्तु उसने ईश्वर से क्षमा माँगी और ईश्वर ने उसे क्षमा प्रदान किया क्योंकि वह
जीवन्त ईश्वर है, वह दया करता, क्षमा देता एवं नव जीवन प्रदान करना चाहता है। संत
पापा ने दूसरे बिन्दु पर चिंतन करते हुए रविवारीय सुसमाचार के पाठ का विचार प्रस्तुत
किया। उन्होंने कहा कि येसु ने फारीसी के घर भोजन करते समय एक पापिनी स्त्री को अपने
पास आने दिया, जो अन्यों के लिए एक आश्चर्य की बात थी। येसु ने उनसे कहा, "इसके बहुत
से पापा क्षमा हो गये हैं क्योंकि इसने बहुत प्यार दिखाया है। पर जिसे कम क्षमा किया
गया, वह कम प्यार दिखाता है।"
संत पापा ने कहा, "सम्पूर्ण सुसमाचार में हम
देखते हैं कि येसु अपने कर्म और वचन से ईश्वरीय जीवन को प्रकाशित करते हैं जो परिवर्तन
लाता है। यही उस पापिनी स्त्री का अनुभव था जिसने प्यार के चिन्ह स्वरुप येसु के पैर
पर इत्र लगाया, उसने ईश्वर की दया और क्षमा का अनुभव प्राप्त कर, नया जीवन प्राप्त किया।"
तीसरे बिन्दु पर चिंतन कर संत पापा ने कहा, "ईश्वर जीवन्त और दयालु हैं। येसु ईश्वर
के जीवन को लाये तथा पवित्र आत्मा ने इस जीवन को प्रकट किया। हम जानते हैं कि लोग जीवन
को नहीं चुनते हैं वे सुसमाचार के जीवन को स्वीकार नहीं करते हैं किन्तु अपनी विचारधारा
के अनुसार चलते हैं, विचार के वैसे तरीके जो जीवन को बंद कर देते हैं तथा जीवन का आदर
नहीं करते क्योंकि वे स्वार्थ, अपनी पसंद, लाभ, शक्ति और भोग- विलास द्वारा संचालित हैं।
वे दूसरों की भलाई की कामना करने वाली प्रेम से संचालित नहीं होते।"
संत पापा
ने कहा, "प्यारे भाइयो एवं बहनों, हम ईश्वर की ओर निहारें, जीवन्त ईश्वर की ओर, उसके
नियम की ओर देखें, सुसमाचार के संदेश को जीवन की मुक्ति रुप में ग्रहण करें। जीवित ईश्वर
हमें मुक्त करते हैं। आइये, हम प्यार को ‘हाँ’ और स्वार्थ को ‘नहीं’, जीवन को हाँ और
मृत्यु को नहीं, स्वतंत्रता को हाँ और इस समय के अनेक दासता को नहीं कहें। हम ईश्वर को
‘हाँ’ कहें जो प्रेम, जीवन और मुक्ति हैं जो कभी निराश नहीं होने देते हैं। केवल जीवन्त
ईश्वर में विश्वास हमें बचा सकता है।
ईश्वर ने येसु मसीह में पवित्र आत्मा के
वरदानों द्वारा हमें अपना जीवन प्रदान किया है और उन्होंने अपनी दया से हमें ईश्वर के
सच्चे बेटे बेटियों की तरह जीने के लायक बनाया है। यह विश्वास हममें स्वतंत्रता और खुशी
लाता है। हम माता मरिया, जीवन की माँ, से प्रार्थना करें कि वह जीवन के सुसमाचार
का साक्ष्य निरंतर देने में हमारी सहायता करें।
संत पापा फ्राँसिस ने जीवन के
सुसमाचार को समर्पित पावन ख्रीस्तयाग के उपरांत कहा, "मैं कार्पी में, कल एक पति एवं
सात बच्चों के पिता तथा पत्रकार धन्य एडवर्ड फोकेरीनी की धन्य घोषणा की याद कर प्रसन्न
हूँ। वे काथलिक विश्वास के कारण पकड़े गये, बंदीगृह में डाले गये तथा सन् 1944 ई. को
हेर्सब्रूक कॉन्सेंट्रेशन कैंप में मारे गये। उनकी आयु 37 वर्ष थी। उन्होंने कई यहूदियों
को नाज़ी के अत्यजार से बचाया। कार्पी की कलीसिया के साथ हम ईश्वर को उनके जीवन साक्ष्य
के लिए धन्यवाद दें।" संत पापा ने रोम, इटली एवं दुनियाभर से उपस्थित सभी विश्वासियों
को, विशेषकर, परिवार तथा जीवन की सुरक्षा के लिए कार्यरत लोगों को धन्यवाद दिया। अंत
में संत पापा ने हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल रैली में आये लोगों एवं मोटर क्लब के प्रतिनिधियों
को शुभकामना दी। त्तश्चात संत पापा ने कुवाँरी मरिया से प्रार्थना की तथा देवदूत
प्रार्थना का पाठ किया एवं सभी को अपना प्रेरितिक आर्शीवाद प्रदान किया।