बरनबास के बारे में हम जो कुछ जानते हैं उसका
स्रोत है नया व्यवस्थान। प्रेरित चरित ग्रन्थ बताते हैं कि योसफ बरनाबस, साईप्रस में
जन्में, एक यहूदी थे जिन्होंने अपनी धन सम्पत्ति बेचकर प्रेरितों को दान कर दिया था।
ख्रीस्तीय धर्म का आलिंगन कर वे ख्रीस्त के प्रथम प्रेरितों के साथ सुसमाचार का प्रचार
करते रहे थे।
बरनाबस ही तारसुस से पौल को जैरूसालेम लाये थे। बाद में दोनों ने
मिलकर जैरूसालेम से सिरिया, अन्ताखिया से साईप्रस तथा इकोनियुम से लिस्त्रा तक प्रेरितिक
यात्राएँ कीं तथा प्रभु येसु मसीह के सन्देश का प्रचार-प्रसार किया। परम्परा के अनुसार
कहा जाता है कि बरनाबस ने एलेक्ज़ेनड्रिया के साथ साथ रोम में भी सुसमाचार का प्रचार
किया। एक मिशनरी यात्रा के दौरान सालामीस में, सन् 61 ई. में, बरनाबस को पत्थरों से मार
डाला गया था।
शहीद सन्त और प्रेरित बरनाबस को साईप्रस की कलीसिया के संस्थापक
माना जाता है। वे, साईप्रस और अन्ताखिया की कलीसिया के संरक्षक हैं तथा ओलों एवं अन्य
प्राकृतिक प्रकोपों से रक्षा हेतु बरनाबस को पुकारा जाता है। शान्ति निर्माता एवं मेल
मिलाप की स्थापना हेतु भी सन्त बरनाबस से प्रार्थना की जाती है। उनका पर्व 11 जून को
मनाया जाता है।
चिन्तनः सुसमाचारी मूल्यों का वरण कर प्रभु ख्रीस्त के साक्षी
बनना ही ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों का जीवन है।