गेतुलियुस रोमी सेना के नायक थे। वे सन्त सिमफोरोज़ा
के पति थे तथा अपने भाइयों, अमानतियुस, चेरेआलिस तथा प्रिमितिवुस के साथ ख्रीस्तीय धर्म
के ख़ातिर शहीद हो गये थे। रोमी सेनानायक होने के कारण उन्हें सभी राजसी सुविधाएँ प्राप्त
थीं किन्तु उनका मन सांसारिक धन वैभव में नहीं लगा। ख्रीस्तीयों पर नित्य होते अत्याचारों
को वे सहन नहीं कर पाये और उन्होंने सेना का परित्याग कर ख्रीस्तीय धर्म का आलिंगन कर
लिया। ख्रीस्तीय धर्म अपना लेने के बाद वे अपने घर, इटली के तिवोली नगर, वापस लौटे। रोमी
सम्राट के आदेश पर उन्हीं के भाई चेरेआलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुँचे थे किन्तु गेतुलियुस
उनका भी मनपरिवर्तन करने में सफल हो गये। गेतुलियुस के पद चिन्हों पर चल उनके तीनों भाइयों
ने भी ख्रीस्तीय धर्म का आलिंगन कर लिया जिसकी वजह से इन्हें गिरफ्तार कर यातनाएं दी
गई तथा मार डाला गया।
सन्त गेतुलियुस एवं तिवोली के शहीदों का स्मृति दिवस
10 जून को मनाया जाता है।
चिन्तनः प्रभु येसु कहते हैं: "धन्य हैं वे, जो
धार्मिकता के कारण अत्याचार सहते हैं! स्वर्गराज्य उन्हीं का है। धन्य हो तुम जब लोग
मेरे कारण तुम्हारा अपमान करते हैं, तुम पर अत्याचार करते हैं और तरह-तरह के झूठे दोष
लगाते हैं। खुश हो और आनन्द मनाओ स्वर्ग में तुम्हें महान् पुरस्कार प्राप्त होगा। तुम्हारे
पहले के नबियों पर भी उन्होंने इसी तरह अत्याचार किया था" (सन्त मत्ती 5: 10-12)।