जिनिवाः शांति प्रत्येक का मूलभूत अधिकार, महाधर्माध्यक्ष थॉमासी
जिनिवा, 10 जून सन् 2013 (सेदोक): जिनिवा में शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र संघीय मानवाधिकार
समिति के 23 वें सत्र में वाटिकन के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष सिलवानो मरिया
थॉमासी ने कहा कि शांति में जीवन यापन करना प्रत्येक का अधिकार है। उन्होंने कहा
शांति सब लोगों का अधिकार है तथा मानव के अखण्ड विकास की शर्त है। महाधर्माध्यक्ष
ने कहा कि शांति वह स्थिति है जो सभी अन्य अधिकारों को सम्भव बनाती है। उन्होंने कहा,
"मानव के मूलभूत अधिकारों की रक्षा कर ही यथार्थ शांति का निर्माण किया जा सकता है।"
शांति की परिभाषा देते हुए उन्होंने कहा, "शांति को केवल युद्ध की अनुपस्थिति बताना
उसे एक नकारात्मक मूल्य में परिणत करना है, जबकि शांति की एक अन्य परिभाषा है, "विकास"
जिसमें, स्कूलों का निर्माण, अस्पतालों एवं चिकित्सालयों की व्यवस्था तथा युवा पीढ़ियों
के भविष्य की योजनाएँ निहित रहती हैं।" विश्व व्यापी अन्तरनिर्भरता की ओर ध्यान
आकर्षित कराते हुए महाधर्माध्यक्ष थॉमासी ने कहा कि यदि कुछ लोगों में संसाधनों की अति
तथा अधिकांश लोगों में संसाधनों की कमी होगी तो अन्याय की स्थिति बनी रहेगी तथा शांति
कभी भी स्थापित नहीं हो सकेगी।