वाटिकन सिटीः सिरिया के लोगों के लिये सन्त पापा फ्राँसिस ने की एक और अपील
वाटिकन सिटी, 06 जून सन् 2013 (सेदोक): वाटिकन में, बुधवार 05 जून को, सिरिया में सेवाएँ
अर्पित कर रहे काथलिक लोकोपकारी संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर, सन्त पापा फ्राँसिस
ने, एक बार फिर, सिरिया में युद्ध की समाप्ति तथा शांति का आह्वान किया। इस अवसर
पर सन्त पापा ने कहा, "सिरियाई लोगों की नियति के प्रति मैं उत्कंठित हूँ।" सभी संघर्षरत
पक्षों से युद्ध के परित्याग की मांग कर सन्त पापा ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से अपील
की कि वह सिरिया के युद्धरत दलों के बीच वार्ताओं एवं समझौतों का वातावरण निर्मित करने
हेतु हर सम्भव प्रयास करे।" युद्ध पीड़ितों, शरणार्थियों तथा विस्थापितों की नित्य
बढ़ती संख्या पर चिन्ता व्यक्त कर सन्त पापा फ्राँसिस ने संकट का राजनैतिक समाधान ढूँढ़े
जाने का आह्वान किया। वार्ताओं एवं समझौतों के प्रयासों के अतिरिक्त उन्होंने विस्थापितों
एवं शरणार्थियों को तत्काल राहत पहुंचाने की भी अपील की ताकि प्रत्येक व्यक्ति की प्रतिष्ठा
और गरिमा का सम्मान हो सके। सिरिया में कार्यरत काथलिक कल्याणकारी संगठनों को सन्त
पापा ने अपने मिशन को जारी रखने हेतु प्रोत्साहन दिया तथा कहा कि इन कठिन क्षणों में
कलीसिया, "उदारता का ठोस एवं विश्वसनीय साक्ष्य देने के लिये बुलाई गई है।" सन्त
पापा ने कहा, "आपकी सामयिक एवं समन्वयकारी मदद सिरिया के पीड़ितों के प्रति एकात्मता
एवं सहभागिता का चिन्ह बनें।" सिरिया एवं सम्पूर्ण मध्यपूर्व के ख्रीस्तीयों की उत्कंठा
का स्मरण कर सन्त पापा ने उनके प्रति विशेष सामीप्य का प्रदर्शन किया तथा सभी से सिरियाई
लोगों की पीड़ा पर चिन्तन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा इस समय सिरिया के पीड़ित
लोग प्रभु येसु ख्रीस्त के दुख में शरीक हैं जिन्हें अपनी मातृभूमि से निकाल दिया गया
था। उन्होंने कहा कि सिरिया के पीड़ितों में हम प्रभु येसु के दुख पर चिन्तन करें तथा
उनसे याचना करें कि शीघ्रातिशीघ्र युद्ध एवं हिंसा की समाप्ति तथा शांति की स्थापना हो
सके।