2013-06-04 12:08:50

वाटिकन सिटीः विश्वास आन्तरिक शांति की ओर ले जाता, सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, 04 जून सन् 2013 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस का कहना है कि विश्वास आन्तरिक शांति प्रदान करता है।
वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में, सोमवार को, धन्य सन्त पापा जॉन 23 वें के निधन की 50 वीं पुण्य तिथि के उपलक्ष्य में, इटली के बेरगामो धर्मप्रान्त से आये लगभग 3000 तीर्थयात्रियों को सन्त पापा फ्राँसिस ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि धन्य सन्त पापा जॉन 23 वें का जीवन यह शिक्षा देता है कि विश्वास हमें आन्तरिक शांति की ओर ले जाता है।
तीर्थयात्रियों से सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा, "सम्पूर्ण विश्व ने सन्त पापा जॉन 23 वें को एक अच्छे मेषपाल एवं पिता के सदृश स्वीकार किया है।" उन्होंने कहा कि धन्य सन्त पापा जॉन 23 वें को अभी भी भले पोप कहकर सम्बोधित किया जाता है, और "ऐसे पुरोहित को पाना जो सचमुच में भला तथा अच्छाइयों से परिपूर्ण है कितना आश्चर्यजनक है।"
हर युग एवं सामाजिक अवस्था के लोगों के स्वागत को सदैव तत्पर रहनेवाले धन्य जॉन के प्रति श्रद्धा अर्पित कर सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा, "धन्य जॉन 23 वें सम्बन्धों को बुननेवाले जुलाहा तथा कलीसिया के अन्दर एवं बाहर एकता के यथार्थ प्रवर्तक थे।"
तीर्थयात्रियों से सन्त पापा ने कहा कि धन्य जॉन 23 वें का जीवन दर्शाता है कि उनके अन्तर में व्याप्त शांति उनकी अनुशासनबद्ध आध्यात्मिक तीर्थयात्रा का परिणाम थी। सभी से उन्होंने आग्रह किया कि वे धन्य जॉन 23 वें के पद चिन्हों पर चल पवित्रता में विकसित होवें।
इटली के बेरगामो प्रान्त में 25 नवम्बर, सन् 1881 ई. को आन्जेलो रोनकाल्ली का जन्म हुआ था जो बाद में सन्त पापा जॉन 23 वें के नाम से कलीसिया के परमाध्यक्ष नियुक्त किये गये थे। सन् 1962 में उन्हीं की पहल पर काथलिक कलीसिया में द्वितीय वाटिकन महासभा आयोजित की गई थी। जब जॉन 23 वें महाधर्माध्यक्ष थे तब उन्होंने परमधर्मपीठीय प्रेरितिक राजदूत पद पर बुलगारिया, तुर्की एवं ग्रीस में सेवाएँ अर्पित की थीं।









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