बैंगलोरः अन्धविश्वास बाल विवाहों को प्रश्रय दे रहा है
बैंगलोर, 04 जून सन् 2013 (ऊका समाचार): सूचना और टेकनॉलोजी के लिये विख्यात बैंगलोर
शहर में हाल ही में बाल विवाह के कम से कम चार मामले सामने आये। बैंगलोर के बाल विवाह
निरोधक विभाग के अधिकारी उस समय आश्चर्यचकित रह गये जब उनके पास शिकायत आई कि बैंगलोर
में एक पंचायत विकास अधिकारी एक 13 वर्षीय बच्ची के साथ विवाह रचाने के लिये तैयार था।
माता पिता का कहना था कि वे लड़की की शादी उसकी नानी की मृत्यु के पहले कर देना चाहते
थे जबकि पंचायत अधिकारी ने दलील दी कि वह माता पिता की भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचाना
चाहता था। बैंगलोर के बाल विवाह निरोधक विभाग के सामयिक हस्तक्षेप के कारण ऐसे कई
बाल विवाहों पर रोक लगाई जा सकी है। विभाग के निर्देशक एम.एस. जयस्वामी ने कहा कि
केवल पारिवारिक भावनाओं के कारण ही नहीं अपितु निर्धनता के कारण भी माता पिता लड़कियों
का विवाह करा देते हैं ताकि ज़िम्मेदारियों से बच सकें। इसके साथ ही उन्होंने कहा अन्धविश्वास
भी बाल विवाहों का एक बड़ा कारण है। यह अन्धविश्वास प्रचलित है कि परिवार में किसी सदस्य
की मृत्यु के एक साल के अन्दर लड़कियों का विवाह हो जाना चाहिये। बाल विवाह को निषिद्ध
करनेवाले 2006 के अधिनियम के तहत बाल विवाह रचाने वाले या इसका आयोजन करनेवालों के लिये
दो वर्षीय कारावास या एक लाख रुपये अर्थदण्ड का प्रावधान है।