2013-06-01 12:41:59

वाटिकन सिटीः मरियम के कार्य ख्रीस्तीयों का आदर्श, सन्त पापा फ्रांसिस


वाटिकन सिटी, 01 जून सन् 2013 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों से आग्रह किया है कि वे पवित्र कुँवारी मरियम की तरह "अन्यों की बात सुनें, निर्णय लें तथा उसे कार्यान्वित करें।"
शुक्रवार, 31 मई को, मरियम को समर्पित माह के समापन पर, सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में रोज़री विनती के लिये एकत्र भक्त समुदाय को, प्रार्थना के उपरान्त, सम्बोधित कर सन्त पापा फ्रांसिस ने कहा कि मरियम के कार्य समस्त ख्रीस्तीयों के लिये आदर्श हैं।
एलीज़ाबेथ की भेंट सम्बन्धी सुसमाचार पाठ पर चिन्तन करते हुए सन्त पापा ने कहा कि मरियम ने सुना, निर्णय लिया तथा मदद हेतु चल पड़ी। उन्होंने कहा कि मरियम के कार्य हमारे पथ प्रदर्शक हैं, हमें भी दैनिक वास्तविकताओं, लोगों की उत्कंठाओं तथा उनकी आशा-आकाँक्षाओं के प्रति सचेत रहना चाहिये ताकि ज़रूरत पड़ने पर हम सहायता करने में सक्षम बनें।
सन्त पापा ने स्पष्ट किया कि सुनना, "ध्यान केन्द्रित करने, स्वीकार करने तथा ईश्वर के प्रति उदार रहने" से सम्बन्धित है।
उन्होंने कहा, "मरियम का निर्णय दृढ़ था, उन्होंने प्रभु की वाणी सुनी तथा मदद के लिये कृत संकल्प हो गई।" उन्होंने कहा कि इसी प्रकार काना के विवाह के सुसमाचार पाठ में भी हम मरियम के दृढ़ संकल्प का साक्षात्कार करते हैं। मरियम ने अपने पुत्र येसु पर पूर्ण भरोसा किया क्योंकि वे जानती थीं कि येसु "विवाह समारोह के आनन्द को भंग नहीं होने देंगे।"
सन्त पापा ने कहा, "जीवन में निर्णय लेना कठिन प्रतीत होता है इसलिये कि प्रायः सामान्य से अलग हटकर कुछ करने से हम डरते हैं। प्रायः हम जानते हैं कि हमें क्या करना है किन्तु हममें करने का साहस नहीं होता जबकि अन्यों की मदद हेतु तुरन्त निर्णय लेना तथा उसे कार्यरूप देना मरियम के पद चिन्हों पर चलना है।"
उन्होंने कहा कि प्रार्थना एवं मनन चिन्तन द्वारा ईश इच्छा को जानना तथा उसपर अमल करना ही सच्चे ख्रीस्तीय धर्मानुयायी का लक्ष्य होना चाहिये।








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