तमिलनाडुः दलित ईसाइयों ने कलीसिया पर उनके हितों की रक्षा न करने का लगाया आरोप
तमिलनाडु, 31 मई सन् 2013 (ऊका समाचार): तमिल नाडु के दलित ईसाइयों ने कलीसिया पर आरोप
लगाया है कि वह उनकी रक्षा हेतु उपलब्ध वैधानिक एवं संवैधानिक प्रावधनों का उपयोग करने
में नाकाम रही है। दिंदीगुल नगर में 30 मई को, दलित ईसाइयों की सामाजिक एवं आर्थिक
स्थिति, उनके विरुद्ध जातिगत भेदभाव एवं उच्च स्तरीय शिक्षा से दलितों को वंचित रखने
की प्रवृत्ति आदि पर अवलोकन हेतु, एक बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक की अध्यक्षता तमिल
नाडु के अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष एम. प्रकाश ने की। दलित ईसाइयों के प्रतिनिधि
ज़ेवियर ने कहा, "कलीसिया में प्रदर्शित जातिवाद के कारण अल्पसंख्यकों को मिलनेवाले अधिकारों
ने दलित ईसाइयों को समानता एवं सामाजिक न्याय दिलवाने में कभी भी मदद नहीं दी।" तमिल
नाडु के 75 प्रतिशत ख्रीस्तीय लोकधर्मी दलित वर्ग के हैं। कोडैकनाल के सी. बास्तीन
ने बैठक में इस बात पर बल दिया कि काथलिक संस्थाओं में दलित वर्ग के लोगों के आरक्षण
हेतु पहलें आरम्भ की जानी चाहिये। कई प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि दलित वर्ग को उसके
अधिकार दिलवाने के लिये काथलिक कलीसिया ने कोई ठोस नीतियाँ अथवा कार्यक्रम नहीं बनायें
हैं। अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष एम. प्रकाश ने तमिल नाडु के ख्रीस्तीय दलितों को आश्वासन
दिया है कि वे मुख्यमंत्री जयललिता के समक्ष उनकी समस्याओं को रखेंगे।