प्रेरक मोतीः ट्रियर के सन्त माक्सिमीनुस (चौथी शताब्दी) (29 मई)
वाटिकन सिटी, 29 मई सन् 2013:
चौथी शताब्दी के सन्त माक्सिमीनुस, जर्मनी के ट्रियर
महाधर्मप्रान्त के संरक्षक सन्त हैं। झूठी गवाही, समुद्री नुकसान तथा विनाशकारी बारिश
के खिलाफ संरक्षण हेतु सन्त माक्सिमीनुस से प्रार्थना की जाती है।
माक्सिमीनुस
का जन्म फ्राँस के पोईटियर्स में हुआ था। सन् 332 ई. से सन् 347 ई. तक वे ट्रियर के धर्माध्यक्ष
थे। सन् 336 ई. में उन्होंने कॉन्सटेनटीनोपल के अपधर्मियों के खिलाफ लड़नेवाले सन्त अथानासियुस
को शरण प्रदान की थी। धर्माध्यक्ष माक्सिमीनुस आरियुस के अनुयायियों के विरुद्ध थे क्योंकि
ये प्रभु येसु ख्रीस्त के ईश पुत्र होने में विश्वास नहीं करते थे। आरियुस के अनुयायी
येसु को ईश्वर से अलग मानते थे और यही चौथी शताब्दी में विवाद का प्रमुख मुद्दा रहा था।
ख्रीस्त की ईश्वरीय प्रकृति पर प्रश्न उठानेवालों को धर्माध्यक्ष माक्सिमीनुस ने मिलान,
सारदिका तथा कोलोन की धर्मसभाओं में जमकर फटकार लगाई थी जिसके कारण सन्त जेरोम ने उन्हें
उस युग के सबसे महान और साहसिक धर्माध्यक्ष की संज्ञा प्रदान की थी।
प्रार्थना
द्वारा चमत्कार एवं चंगाई के लिये भी माक्सिमीनुस विख्यात हो गये थे। ट्रियर महाधर्माप्रान्त
की वेबसाईट के अनुसार धर्माध्यक्ष माक्सिमीनुस का निधन सन् 347 ई. में हो गया था। ट्रियर
के सन्त माक्सिमीनुस का पर्व 29 मई को मनाया जाता है। उनके पवित्र अवशेष, ट्रियर स्थित
जॉन दि इनवेन्जेलिस्ट महागिरजाघर में सुरक्षित हैं।
चिन्तनः सतत् प्रार्थना
हमें विश्वास के साक्षी बनने का साहस प्रदान करती है।