2013-05-29 11:12:11

जिनिवाः विश्व में प्रतिवर्ष एक लाख से अधिक ख्रीस्तानुयायियों को मार डाला जाता है


जिनिवा, 29 मई सन् 2013 (सेदोक): विश्व में प्रतिवर्ष एक लाख से अधिक ख्रीस्तानुयायियों को उनके विश्वास के कारण मार डाला जाता है।
सोमवार, 27 मई को, जिनिवा में संयुक्त राष्ट्र संघीय मानवाधिकार समिति के 23 वें सत्र में, सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर, वाटिकन के वरिष्ठ धर्माधिकारी तथा परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक, महाधर्माध्यक्ष सिलवानो थॉमासी ने, ख्रीस्तीय समुदायों के विरुद्ध क्रमबद्ध हिंसा के प्रति, परमधर्मपीठ की चिन्ता को व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि विश्व में प्रतिवर्ष एक लाख से अधिक ख्रीस्तीयों को उनके विश्वास के कारण मार डाला जाता है। उन्होंने कहा कि हत्या के अतिरिक्त ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को अपने घरों का परित्याग करने के लिये बाध्य किया जाता, उनके गिरजाघरों एवं आराधना स्थलों को ध्वस्त कर दिया जाता तथा उनके नेताओं को बलात्कार एवं अपहरण का शिकार बनाया जाता है जैसा कि हाल ही में सिरिया के धर्माध्यक्ष योहान्ना इब्राहीम तथा बौलोस याज़िजी को सहना पड़ा।
महाधर्माध्यक्ष थॉमासी ने कहा कि अफ्रीका, एशिया एवं मध्यपूर्व के देशों में ख्रीस्तीयों के विरुद्ध ये हमले धर्मान्धता, असहिष्णुता, आतंकवाद तथा भेदभावपूर्ण कानूनों का परिणाम हैं। जबकि पश्चिमी देशों में, ख्रीस्तीय धर्म के योगदान को भुलाकर, ख्रीस्तीय धर्म को सार्वजनिक जीवन से अलग करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
शिक्षा, चिकित्सा तथा मानवतावादी लोकोपकारी पहलों द्वारा ख्रीस्तीय धर्म के योगदान पर बल देकर महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि यह नहीं भुलाया जाना चाहिये कि मानव प्रतिष्ठा की स्थापना हेतु ख्रीस्तीय धर्म की सेवा मानव जाति की यथार्थ धरोहर है।








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