छत्तीसगढ़ हिंसक हमलावरों की तलाशी में हज़ारों सैन्य बल लगाये गये
नई दिल्ली, मंगलवार, 28 मई 2013( एशियान्यूज़): छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 345 किलो
मीटर की दूरी पर स्थित सुकमा में शनिवार 25 मई को माओवादियों ने घात लगाकर हिंसक हमला
किया जिसमें ‘संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन’ (यूपीए) के 24 व्यक्ति मारे गये। हमला करने
वालों की संख्या करीब 200 थी। हिंसात्मक हमला राजनैतिक नेताओं के सुरक्षा बलों पर किया
गया जैसे कि छत्तीसगढ़ यूपीए अध्यक्ष नन्द कुमार पाटे और पार्टी के स्थानीय ऐतिहासिक
नेता महेंन्द्र कर्मा। छत्तीसगढ़ के प्रमुख पुलिस अधिकारी राम निवास ने तलाशी की
पूरी जानकारी नहीं दी किन्तु उन्होंने बताया कि हमले के लिए ज़िम्मेदार लोगों की तलाशी
में हज़ारों सैन्य बल दुर्गम इलाक़ों में लगाये गये हैं। उन्होंने कहा, "उन इलाक़ों में
पहाड़, नदी और सघन जंगल हैं तथा लोगों की आबादी विरल है। अतः इस प्रकार के स्थान में
तलाशी लेना अत्यंत कठिन है।" ज्ञात हो कि माओवादियों ने शनिवार 25 मई को छत्तीसगढ़
के सुकमा में घात लगाकर सुरक्षा दल सहित लगभग 50 यूपीए नेताओं और कर्मचारियों पर हिंसक
हमला किया। हमला उस समय हुआ जब वे एक आदिवासी गाँव से चुनाव रैली के बाद एक ऐतिहासिक
माओवादी गढ़ पार करते हुए लौट रहे थे। लोगों का कहना है कि ये घटना यूपीए दल के लिए
एक चेतावनी है। 27 मई को सोनिया गाँधी एवं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने घटना स्थल
का दौरा कर पीड़ितों की जानकारी ली तथा घटना के शिकार लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित किया।
माओवादी अभियान की स्थापना सन् 1967 ई में नक्सलबाड़ी में हुई थी जो कलकत्ता की
एक उपबस्ती है। सन् 2004 ई. में दो बड़े गुटों को एक साथ मिलाकर भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी
(माओविस्ट) का निमार्ण हुआ था। इस समय, उग्रवादी अर्धसैनिक दल में 30,000 लड़ाकू
हैं जो "लाल गलियारा" (रेड कोरिडोर) कहलाता है। इसकी पकड़ भारत और नेपाल से लेकर आंध्र
प्रदेश तक है।