2013-05-20 12:37:53

वाटिकन सिटीः नवीनता, सदभावना और मिशन पवित्रआत्मा का कार्य, सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, 20 मई सन् 2013 (सेदोक): रोम स्थित सन्त पेत्रुस महामहागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित लगभग दो लाख श्रद्धालुओं से रविवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि पवित्रआत्मा का कार्य कलीसियाई जीवन में नवीनता लाता तथा उसे विविध वरदानों से परिपूरित कर देता है।
प्रेरितों पर पवित्रआत्मा के अवतरण के स्मरणार्थ मनाये जानेवाले, पेन्तेकॉस्त महापर्व के उपलक्ष्य में रविवार, 19 मई को अपने ख्रीस्तयाग प्रवचन में सन्त पापा ने पवित्रआत्मा के कार्य तथा कलीसियाई जीवन में उनके महत्व पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर सन्त पापा ने नयेपन, मैत्री एवं सदभाव तथा मिशन को पवित्रआत्मा के कार्य निरूपित कर कहा कि कलीसिया को प्रतिदिन अपने आप से प्रश्न करना चाहिये कि क्या वह वर्तमानकालीन नई चुनौतियों के विरुद्ध संघर्ष में अपने आप को अलग तो नहीं कर रही? उन्होंने कहा, "नयापन हमें डराता है क्योंकि जब सब कुछ हमारे नियंत्रण में रहता है तब हम अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं।"
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार जब "ईश्वर पर विश्वास करने की बात आती है तो हम उन्हें स्वीकार तो करते हैं किन्तु पूरी तरह अपने आप को समर्पित करने से डरते हैं तथा जीवन के निर्णयों से पवित्रआत्मा के मार्गदर्शन को अलग कर देते हैं। हममें यह आशंका बनी रहती है कि ईश्वर हमारे जीवन की राह बदल देंगे जो हमारे लिये विश्रामदायक नहीं होगी। तथापि", सन्त पापा ने कहा, "इतिहास के अनतराल में हमने देखा है कि जब जब ईश्वर ने स्वयं को प्रकाशित किया तब तब वे नयापन एवं परिवर्तन लेकर प्रकट हुए।"
सन्त पापा ने कहा कि जीवन में नयापन, मैत्री एवं सदभाव को लाने के लिये ईश्वर में पूर्ण विश्वास, उन पर पूरा भरोसा अनिवार्य है। प्राचीन व्यवस्थान के नोआ, अब्राहम, नबी मूसा तथा ख्रीस्त के प्रेरितों के विश्वास का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, "यहाँ नयापन केवल नयापन लाने के लिये नहीं बल्कि हमारे उबाऊ जीवन से मुक्त होने के लिये नयेपन की ज़रूरत है।"
उन्होंने कहा कि जो नयापन ईश्वर लाते हैं वह वास्तव में हमारे जीवन में परिपूर्णता, यथार्थ आनन्द तथा यथार्थ शांति लाता है क्योंकि ईश्वर हमसे प्रेम करते तथा सब समय हमारा भला चाहते हैं।
अपने आप में बन्द होने के विरुद्ध भी सन्त पापा फ्राँसिस ने कलीसिया को चेतावनी दी तथा काथलिक धर्मानुयायियों से आग्रह किया कि वे नये तथा नित्य बदलते विश्व में सदैव उपस्थित रहें तथा अन्यों के प्रति उदार बनें।








All the contents on this site are copyrighted ©.