काठमाण्डूः नेपाल का चिकित्सीय संगठन गर्भपात एवं मृत्यु की संस्कृति के विरुद्ध
काठमाण्डू, 15 मई सन् 2013 (एशियान्यूज़): नेपाल के चिकित्सकों ने देश में बढ़ते गर्भपातों
के विरुद्ध आवाज़ उठाई है तथा चेतावनी दी है कि यदि सरकार इसे रोकने के लिये उपयुक्त
कदम नहीं उठायेगी तो वे हड़ताल पर जायेंगे। नेपाली स्वास्थ्य मंत्रालय के आँकड़ों
के अनुसार सन् 2010 के अप्रैल माह से लेकर सन् 2011 के अप्रैल माह तक देश में 95,000
गर्भपात हुए। 25 प्रतिशत मामलों में रोगी 18 वर्ष की आयु से कम उम्र थे। नेपाल में
प्रतिदिन औसतन 65 गर्भपात किये जाते हैं और इनकी संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। एशियान्यूज़
से बातचीत में नेपाली चिकित्सीय संगठन के पूर्वाध्यक्ष डॉ. भोला रिजाल ने कहा, "गर्भपातों
में वृद्धि देश में स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा रही है इसीलिये हम सभी प्रकारों के गर्भपातों
पर रोक लगाने का आह्वान कर रहे हैं।" उन्होंने बताया कि हाल ही में चिकित्सा की डिगरी
हासिल करनेवाले अनेक नये डॉक्टर, नैतिक मूल्यों की परवाह किये बिना, गर्भपात को आय का
स्रोत मानते हैं। उन्होंने कहा कि वे इस सन्दर्भ में चिकित्सकों के साथ सलाह मशवरा
कर इस विनाशक तथ्य को रोकने का प्रयास कर रहे हैं और साथ ही सरकार से मांग कर रहे हैं
कि वह गर्भपात सम्बन्धी कठोर कानून लागू करे ताकि केवल माता के जीवन पर ख़तरा होने पर
ही गर्भपात की अनुमति दी जाये। नेपाल में हालांकि सन् 2002 से माता अथवा बच्चे के
जीवन पर ख़तरा होने तथा बलात्कार आदि मामलों में गर्भपात वैध है तथापि, चयनात्मक एवं
बलात गर्भपात को अवैध घोषित किया गया है।