बाईबिल के प्रेरित चरित ग्रन्थ के अनुसार सन्त मथियस
प्रभु येसु के प्रथम प्रेरितों में से एक थे। यूदस इसकारियोती के विश्वासघात के बाद शेष
11 प्रेरितों ने मथियस को ही 12 वाँ प्रेरित चुना था। मथियस का प्रेरित होना अपने आप
अद्वितीय था इसलिये कि वे अकेले ही थे जिनकी नियुक्ति स्वयं प्रभु येसु ख्रीस्त ने नहीं
की थी। मुर्दों में से जी उठने के चालीस दिन बाद प्रभु येसु मसीह स्वर्ग में आरोहित हो
गये थे जिसके बाद 12 की गिनती पूरी करने के लिये प्रेरितों ने मथियस को चुना था। प्रभु
येसु मसीह के प्रेरित सन्त मथियस का पर्व 14 मई को मनाया जाता है।
चिन्तनः
उन्होंने दो व्यक्तियों को प्रस्तुत किया-यूसुफ को, जो बरसब्बास कहलाता था और जिसका दूसरा
नाम युस्तुस था, और मथियस को। तब उन्होंने इस प्रकार प्रार्थना की, ''प्रभु! तू सब का
हृदय जानता है। यह प्रकट कर कि तूने इन दोनों में से किस को चुना है, ताकि वह धर्मसेवा
तथा प्रेरितत्व में वह पद ग्रहण करे, जिस से पतित हो कर यूदस अपने स्थान गया। उन्होंने
चिट्ठी डाली। चिट्ठी मथियस के नाम निकली और उसकी गिनती ग्यारह प्रेरितों में हो गयी"
श्रप्रेरित चरित ग्रन्थ 1:23-26)।