स्वास्थ्य में गिरावट का कारण कृषि में रसायन का अत्यधिक उपयोग
राजस्थान, शुक्रवार, 10 मई 2103 (उकान): राजस्थान में संत फ्रांसिस को समर्पित धर्मसंघ
की धर्मबहनों ने जैविक कृषि को प्रोत्साहन देने हेतु नई कृषि योजना की शुरुआत की है।
धर्मसंघ अध्यक्षा सि. इसाबेल ने उका समाचार से कहा, कि जैविक कृषि योजना उनके धर्मसंघ
के लिए उपयुक्त लगी। सि. इसाबेल ने कहा "रासायनिक दवाओं और रासायनिक खाद के अत्यधिक
उपयोग ज़मीन और वहाँ निवास करने वालों के जीवन पर दुष्प्रभाव डाला है।"
एक अन्य
धर्मबहन ने कहा कि भारत की नई कृषि प्रणाली "हरित क्राँति" के कारण लोगों के स्वास्थ्य
में गिरावट आयी है।
ज्ञात हो कि धर्म बहनों ने पहली बार दो एकड़ जमीन पर खेती
की थी जो मार्च महीने में तैयार हो गयी। उन्हें इस प्रकार खेती करने की प्रेरणा पटना
‘तरुमित्र जैविक आरक्षण केंद्र’ का दौरा करने के बाद प्राप्त हुई। छात्रों की मदद से
धर्मबहनों ने क्षेत्रीय क़िस्म के गेहूँ की खेती की जिसमें किसी प्रकार के रासायनिक खाद
या कीट नाशक का प्रयोग नहीं किया गया था। कटाई और सफाई के बाद गेहूँ का वज़न 27 क्विंटल
हुआ तथा सिर्फ पुआल से 10,000 रुपये मुनाफा हुआ। धर्मबहनें राजस्थान में अस्पताल
एवं स्कूल का संचालन करतीं हैं तथा इस वर्ष उन्होंने जैविक कृषि को प्रोत्साहन देने
हेतु इस नई कृषि योजना की शुरुआत की।