रोम, सोमवार 6 मई, 2013 (सीएनए) संत पापा फ्राँसिस ने 4 मई शनिवार को रोम के मरिया मेजर
महागिरजाघर में रोजरी माला प्रार्थना की अगवाई करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए
कहा कि माता मरिया हमें स्वास्थ्य प्रदान करती है ताकि हम ख्रीस्तीय जीवन के विश्वास
में प्रौढ़ बनें न कि आजीवन ‘टीनएजर’ या युवा ही बने रहें।
पापा फ्राँसिस ने
कहा कि हमारे लिये जीवन में निर्णय लेना कितना कठिन है। कई बार हम क्षणभंगुरता के शिकार
हो जाते हैं मानो हम जीवनभर युवा ही बने रहें। हमें चाहिये कि हम अपने को समर्पित करने
से न डरें। समर्पण हमारे पूरे जीवन को प्रभावित करता है और इसी समर्पण से हमारा जीवन
फलदायी होगा।
संत पापा फ्राँसिस का संत मेरी मेजर के दौरे की शुरुआत 4 मई शनिवार
को 6 बजे सांध्य हुई जब संत पापा ने मेरी मेजर बसीलिका में स्थापित आवर लेडी सालुस पोपुली
रोमानी के समक्ष प्रार्थना की और बसीलिका के क्रूस का चुम्बन किया।
क्रूस का
चुम्बन इस बात का प्रतीक है कि उन्होंने बसीलिका पर अपना अधिकार जमाया। ऐसा करना कलीसिया
की परंपरा रही है जब संत पापा रोम में अवस्थित पाँच मुख्य बसीलिकाओं में से एक की क्रूस
का चुम्बन करते हैं।
संत पापा के साथ रोजरी प्रार्थना करने के लिये बड़ी संख्या
में एकत्रित भक्तों को संबोधित करते हुए पोप फ्राँसिस ने कहा कि हम माता मरिया के सम्मुख
एकत्र हुए हैं ताकि वे हमें रास्ता दिखलायें और हम येसु मसीह में एक हो सकें।
उन्होंने
कहा कि माता मरिया हमारी मदद तीन तरह से करतीं हैं । हमें मदद देतीं हैं ताकि हम आगे
बढ़ें, जीवन का सामना करें और मुक्ति प्राप्त करें। माता मरिया चाहतीं हैं कि हम मानवीय
तरीके से विश्वास में मजबूत हों, इतने मजबूत बनें कि प्रलोभनों में न हारें और कामचलाउ
ख्रीस्तीय जीवन जीयें लेकिन दायित्वपूर्ण जीवन जीयें और सदा आगे और आगे ही बढ़ते हैं।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जब बच्चे बाधाओं का सामना करते हैं और मातायें उनकी
मदद करतीं हैं ताकि बच्चे बाधाओं का सामना साहसपूर्वक कर सकें और उनपर संयमित तरीके से
विजयी हो सकें माता मरिया भी हमारी मदद करती है।माताओं को मालूम है बच्चे की सुरक्षा
और खतरों का सामना करने के बीच स्थिति के बारे में अच्छी तरह ज्ञान होता है।
माता
मरिया ने येसु के जन्म से लेकर कलवरी के रास्ते में होने वाली चुनौतियों का व्यक्तिगत
अनुभव रहा है। इसलिये वह सदा ही हमें उस रास्ते को दिखलाती है जिसमें चल कर हम येसु के
पास पहुँच सकें।
संत पापा ने कहा कि मुक्ति हम तब प्राप्त करते हैं जब हम जीवन
में सही निर्णय लेते हैं। अपनी मातृत्व के द्वारा माता मरिया ने हमें इस बात की शिक्षा
दी कि हम जीवन के प्रति खुले रहें ताकि हमें दूसरों को सत्य, आनन्द, आशा और शारीरिक
और आध्यात्मिक जीवन देने के साधन बन सकें।