वाटिकन सिटी, सोमवार 6 मई, 2013 (सीएनए) संत पापा फ्राँसिस ने बाल यौन दुराचार के शिकार
लोगों को यूखरिस्तीय बलिदान में याद किया और उनके लिये प्रार्थना का आश्वासन देते हुए
कहा, "5 मई बाल यौन हिंसा दिवस के अवसर पर वे सभी जो इसके कारण पीड़ित हुए और यातनायें
झेल रहे हैं मेरी प्रार्थनाओं में शामिल हैं।"
संत पापा ने कहा कि मैं इस बात
पर बल देना चाहता हूँ कि मानव जीवन के प्रति समर्पित हों विशेष करने बच्चों के प्रति
जो पीड़ितो में सबसे असहाय हैं।
संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने
संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्रित हज़ारों लोगों के लिये परंपरागत रविवारीय
‘स्वर्ग की रानी’ प्रार्थना की अगवाई की.मालूम हो कि 5 मई को यूरोप के विभिन्न देशों
से कई हज़ारों तीर्थयात्री एकत्र थे जो किसी-न-किसी एक संत के भक्त रहे हैं।
संत
पापा ने कहा कि हमारी लोकप्रिय धार्मिकता का एक प्रमुख चिह्न रहा है माता मरिया की प्रति
हमारी भक्ति जिसे हम बनाये रखें और पूर्ण महत्व दें।
संत पापा ने लोगों को वाटिकन
द्वितीय के एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ ‘लूमेन जेनतियुम’ के अंतिम भाग पर चिन्तन करने का
आमंत्रण दिया और कहा कि इसमें येसु और कलीसिया के रहस्य में माता मरिया का स्थान को समझाया
गया है।
उन्होंने कहा कि माता मरिया ने विश्वास की अपनी यात्रा तय की जिन्होंने
अपने पुत्र येसु का अनुसरण करते हुए हमारे लिये विश्वास यात्रा की आदर्श बन गयी है।
इस
अवसर पर संत पापा ने पूर्वी ख्रीस्तीय कलीसिया के लोगों को पास्का पर्व की शुभकामनायें
दीं। मालूम हो कि पूर्वी कलीसिया के विश्वासी जूलियन कैलेन्डर को मानते हुए पेन्तेकोस्त
के पूर्व सप्ताह में पास्का मनाते हैं।