वाटिकन सिटीः पवित्रआत्मा के कार्य विभाजन को रोकतेः सन्त पापा फ्राँसिस
वाटिकन सिटी, 03 मई सन् 2013 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि कलीसिया में तब
विभाजन उत्पन्न होते हैं जब कलीसिया के सदस्य पवित्रआत्मा के कार्यों को स्वीकार नहीं
करते। गुरुवार को वाटिकन स्थित सन्त मर्था आवास में श्री लंका के कार्डिनल मैलकम
रंजीत के साथ वाटिकन संग्रहालय के कर्मचारियों के लिये ख्रीस्तयाग अर्पण के अवसर पर प्रवचन
करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा, "कलीसिया में तब विभाजन, धर्मपन्थ एवं इस प्रकार
के नकारात्मक तत्व उत्पन्न होते हैं जब हम पवित्रआत्मा को क्रियाशील नहीं होने देते तथा
ईश सत्य के प्रति अपने हृदय के द्वारों को नहीं खोलते हैं।" सन्त पापा ने कहा, "पवित्रआत्मा
इतिहास के अन्तराल में निरन्तर क्रियाशील रहते हैं तथा उनके कार्यों को स्वीकार करना
ही कलीसिया का सकारात्मक उत्तर है।" उन्होंने कहा कि यह स्वीकृति अर्थात् कलीसिया की
"हाँ" तब होती है जब ख्रीस्तीय समुदाय प्रेमपूर्वक जीवन यापन करता, अपने पापों को स्वीकार
करता, प्रभु की आराधना करता, अन्यों को क्षमा करता तथा उनके प्रति उदार रहता है। साथ
ही प्रभु के आदेशों के अनुकूल जीवन यापन करना अपना दायित्व मानता है।