प्रेरक मोतीः सन्त जोसफ मजदूर (सन् 1955 में प्रतिष्ठापित पर्व) (01 मई)
वाटिकन सिटी, 01 मई सन् 2013
सन्त जोसफ के विषय में हमें जो भी मालूम है उन सबका
स्रोत है पवित्र धर्मग्रन्थ बाईबिल। वे मरियम के पति तथा येसु के पालक पिता थे। सुसमाचारों
से ही हमें पता चलता है कि पेशे से वे एक साधारण बढ़ई थे किन्तु अपने दीन पेशे एवं साधनों
के बावजूद जोसफ राजा दाऊद के वंश के थे। वस्तुतः, उन्हें सर्वप्रथम प्रणाम करनेवाला स्वर्गदूत
उन्हें "दाऊद वंशी" कहकर पुकारता है।
बाईबिल धर्मग्रन्त से ही हमें यह ज्ञान
मिलता है कि जोसफ एक धर्मपरायण, दयावान एवं नियमों का पालन करनेवाले सत्यवान पुरुष थे।
इसीलिये जब उन्हें पता चला कि कुँवारी होते हुए भी मरियम गर्भवती हो गई थीं तब उन्होंने
उनका परित्याग करना चाहा किन्तु स्वर्गदूत ने आकर, मरियम के कौमार्य एवं देहधारी ख्रीस्त
का सच नपर प्रकट किया। विश्वास के धनी जोसफ ने स्वर्गदूत के वचनों को प्रभु का सन्देश
स्वीकार किया तथा उसी के अनुकूल मरियम के पति होने का कर्त्तव्य पूर्णतः निभाया। येसु
की सार्वजनिक प्रेरिताई के आरम्भ तक वे नाज़रेथ के परिवार में बने रहे तथा पति एवं पिता
के दायित्वों का निर्वाह करते रहे।
चूँकि, येसु के क्रूसमरण और पुनःरुत्तान के
समय सुसमाचार में जोसफ का कहीं भी ज़िक्र नहीं मिलता ईशशास्त्रियों एवं बाईबिल पण्डितों
ने सर्वसम्मति से यह मान लिया है कि येसु की सार्वजनिक प्रेरिताई के समय ही जोसफ की मृत्यु
हो चुकी थी।
काथलिक कलीसिया सहित पूर्वी रीति की ऑरथोडोक्स कलीसिया, एंग्लिकन
कलीसिया तथा लूथरन कलीसिया में भी सन्त जोसफ की भक्ति की जाती है। सन्त जोसफ विश्वव्यापी
काथलिक कलीसिया के संरक्षक सन्त होने के साथ साथ पिताओं, सुतारों, श्रमिकों तथा सामाजिक
न्याय के संरक्षक सन्त हैं।
सन्त पापा पियुस 11 वें सन् 1955 में मज़दूरों के
संरक्षक सन्त योसफ के पर्व की स्थापना की थी। काथलिक कलीसिया इसीलिये पहली मई को सन्त
जोसफ मज़दूर का पर्व मनाती है।
चिन्तनः आज के अस्त-व्यस्त श्रमिक जीवन तथा
बेरोज़गारी से पीड़ित युवाओं के लिये हम सब मिलकर सन्त योसफ से विनती करें।