कोलोम्बोः अल्संख्यकों के विरुद्ध हिंसा के लिये श्री लंका में प्रदर्शन
कोलोम्बो, 01 मई सन् 2013 (ऊका समाचार): श्री लंका में धार्मिक अल्पसंख्यकों के विरुद्ध
नित्य बढ़ती हिंसा के लिये बौद्ध चरमपंथी दलों को ज़िम्मेदार ठहराया गया है। ऊका
समाचार के अनुसार रविवार को श्री लंका की राजधानी कोलोम्बो में 300 प्रदर्शनकारियों ने
मुसलमान एवं अन्य अल्पसंख्यकों के विरुद्ध बढ़ती हिंसा का विरोध किया तथा श्री लंका की
सरकार का आह्वान किया कि वह धर्म पर आधारित हिंसा और घृणा को समाप्त करने के लिये ठोस
कदम उठाये। बौद्ध भिक्षु बादेगामा स्मिता थेरो ने कहा, "चरमपंथी दल देश में धार्मिक
असहिष्णुता एवं घृणा को फैला रहे हैं किन्तु उनके बारे में कोई बात नहीं करता।" उन्होंने
कहा कि चरमपंथी दलों की गतिविधियाँ धर्मों के बीच एकता को प्रभावित करती है। मानवाधिकार
संगठनों का कहना है कि श्री लंका के बोधू बाला सेना और रावण बालाया दल विभिन्न धर्मों
के लोगों के बीच वैमनस्यता फैला रहे हैं। हालांकि हाल के एक सम्बोधन में श्री लंका
के राष्ट्रपति माहिन्दा राजपक्षे ने कहा था कि उनकी सरकार धार्मिक असहिष्णुता को सहन
नहीं करेगी। उनका कहना था कि श्री लंका, "एक प्रजातांत्रिक देश है तथा ग़ैर बौद्धों को
भी समान अधिकार एवं स्वतंत्रता प्राप्त है। श्री लंका की दो करोड़ की आबादी में तीन
चौथाई बौद्ध धर्मानुयायी हैं।